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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण ने फिर से खतरनाक स्तर पर दस्तक दे दी है, जिससे लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दिवाली के बाद से ही दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, और हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। बढ़ते प्रदूषण के चलते कई लोग सांस की तकलीफ, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
स्कूल बंद होने की संभावना प्रदूषण के इस बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार विचार कर रही है कि बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में छुट्टियां दी जाएं या वर्क-फ्रॉम-होम जैसी व्यवस्था की जाए। विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों और बुजुर्गों को इस जहरीली हवा में बाहर निकलने से बचने की सलाह दी जा रही है। इसी के चलते सरकार जल्द ही स्कूलों को बंद करने या उनके समय में बदलाव का फैसला ले सकती है।
नोएडा और गाजियाबाद का हाल नोएडा और गाजियाबाद में भी प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। यहां भी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 से अधिक पहुंच गया है, जो लोगों की सेहत के लिए खतरनाक है। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे जितना संभव हो सके, घर के भीतर ही रहें और बाहर निकलते समय मास्क का इस्तेमाल करें।
सरकार की तैयारी प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत कुछ सख्त कदम उठाने की तैयारी में है। इनमें निर्माण कार्यों पर रोक, ट्रकों की एंट्री पर बैन, और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य वाहनों की आवाजाही पर रोक शामिल हो सकते हैं। साथ ही, एंटी-स्मॉग गन और पानी का छिड़काव भी प्रदूषण के स्तर को कम करने के उपायों में शामिल हैं।
सरकार और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, आने वाले कुछ दिनों में यदि प्रदूषण का स्तर घटता नहीं है तो कड़े प्रतिबंध लागू किए जा सकते हैं।
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