नईदिल्ली (पीआईबी)केंद्रीय ऊर्जा और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री श्री मनोहर लाल ने शिमला में हिमाचल प्रदेश के लिए शहरी विकास योजनाओं और बिजली क्षेत्र के परिदृश्य की समीक्षा की।बैठक में हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुखू और हिमाचल प्रदेश के माननीय लोक निर्माण एवं शहरी विकास विभाग मंत्री श्री विक्रमादित्य सिंह मौजूद थे। बैठक में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और भारत सरकार के आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय तथा बिजली मंत्रालय के अधिकारियों के साथ-साथ सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल), भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) और रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के अधिकारियों ने भी भाग लिया।बैठक के दौरान, समग्र विद्युत क्षेत्र परिदृश्य और शहरी विकास मामलों से संबंधित मामलों पर चर्चा की गई। इसके अलावा, पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) और जलविद्युत परियोजनाओं के तहत कार्यों के निष्पादन से संबंधित मुद्दों पर भी प्रकाश डाला गया और संभावित समाधानों पर भी चर्चा की गई।इसके अलावा, इस बात पर भी चर्चा की गई कि राज्य और बीबीएमबी संयुक्त रूप से दो पंप भंडारण परियोजनाएं (पीएसपी) शुरू कर सकते हैं, अर्थात् रायपुर, जिला ऊना में 1,500 मेगावाट पीएसपी और गरिया, जिला कांगड़ा में 2,800 मेगावाट पीएसपी।
माननीय मुख्यमंत्री ने विद्युत क्षेत्र और शहरी विकास से संबंधित मुद्दों के संबंध में हिमाचल प्रदेश की समीक्षा के लिए शिमला की यात्रा के लिए माननीय केंद्रीय मंत्री को धन्यवाद दिया और विद्युत क्षेत्र की परियोजनाओं, विशेष रूप से जल विद्युत परियोजनाओं में मुफ्त बिजली से संबंधित मुद्दों के संबंध में राज्य की चिंताओं पर प्रकाश डाला।अपने संबोधन में माननीय केंद्रीय विद्युत और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री श्री मनोहर लाल ने बैठक में आए सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राज्य के उनके दौरे से मुद्दों को बेहतर ढंग से समझने और उनके समाधान में मदद मिलेगी।उन्होंने विद्युत वितरण क्षेत्र में सुधार लाने तथा राज्य के दूरदराज क्षेत्रों में विद्युत वितरण अवसंरचना को सुदृढ़ करने में आरडीएसएस की भूमिका पर प्रकाश डाला तथा राज्य को सीमावर्ती क्षेत्रों के विद्युतीकरण के लिए स्वीकृत कार्यों सहित आरडीएसएस के तहत स्वीकृत कार्यों को शीघ्रता से आवंटित करने तथा कार्यान्वित करने की सलाह दी।उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत की अपार संभावनाएं हैं, जिनका प्रभावी उपयोग किया जाना चाहिए तथा उन्होंने इस बात पर बल दिया कि लंबित मुद्दों के समाधान के लिए केंद्र तथा राज्य को संयुक्त रूप से कार्य करना चाहिए।केंद्रीय विद्युत मंत्री ने राज्य के समग्र विकास में भारत सरकार के निरंतर समर्थन तथा सहयोग का आश्वासन दिया।
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