गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए योगी सरकार का व्यापक प्रयास

 


लखनऊ। गंगा नदी को स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त और सतत प्रवाहशील बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अनेक बड़े कदम उठाए हैं। प्रदेश सरकार का उद्देश्य गंगा के संरक्षण के साथ-साथ उसके तटीय क्षेत्रों में पर्यावरणीय संतुलन स्थापित करना है। इसके तहत गंगा के किनारे व्यापक स्तर पर प्राकृतिक खेती और वनीकरण को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।सरकार की योजना गंगा के किनारे स्थित सभी जिलों में "गंगा वन" का विकास करना है। इन वनों के माध्यम से न केवल गंगा के जल को स्वच्छ और निर्मल बनाया जाएगा, बल्कि स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी समृद्ध किया जाएगा। कासगंज सहित कई जिलों में इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत हो चुकी है।गंगा वन योजना के अंतर्गत संबंधित जिलों के कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार परंपरागत, दुर्लभ, और औषधीय प्रजातियों के पौधे लगाए जा रहे हैं। इन पौधों का चयन इस तरह से किया जा रहा है कि वे न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी हों, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी स्थानीय लोगों के लिए उपयोगी साबित हों।सरकार का मानना है कि इन वनों के जरिए गंगा के किनारों पर हरित आवरण बढ़ेगा, जो मृदा कटाव को रोकने में सहायक होगा। साथ ही, प्राकृतिक खेती के माध्यम से क्षेत्र में जैविक कृषि को बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसानों की आय में भी वृद्धि की संभावना है।योगी सरकार का यह कदम गंगा को पवित्र और प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इसके सफल क्रियान्वयन से न केवल गंगा का जल स्वच्छ होगा, बल्कि यह योजना प्रदेश के पर्यावरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा प्रदान करेगी।

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