हिमाचल प्रदेश और गोवा के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग (एक्सवी एफसी) का अनुदान जारी किया गया

केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पंद्रहवें वित्त आयोग (एक्सवी एफसी) अनुदान, 70.40 करोड़ रुपये की राशि के अप्रयुक्‍त अनुदान की दूसरी किस्त जारी की है साथ ही वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अप्रयुक्त अनुदान की पहली किस्त की रोकी गई राशि 11.4716 करोड़ रुपये भी जारी की है। ये धनराशि सभी पात्र 12 जिला पंचायतों, सभी पात्र 81 ब्लॉक पंचायतों और सभी पात्र 3615 ग्राम पंचायतों के लिए है। गोवा में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान एक्सवी  एफसी अनुदान और वित्तीय वर्ष 2022-23 के अप्रयुक्‍त अनुदान की दूसरी किस्त 9.69 करोड़ रुपये भी जारी की गई है। ये धनराशि राज्य की सभी पात्र 191 ग्राम पंचायतों के लिए है।भारत सरकार पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल और स्वच्छता विभाग) के माध्यम से ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए राज्यों को पंद्रहवें वित्त आयोग (एक्सवी एफसी) का अनुदान जारी करने की अनुशंसा करती है जिसे बाद में वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है। आवंटित अनुदान की अनुशंसा की जाती है और यह अनुदान एक वित्तीय वर्ष में 2 किस्तों में जारी किया जाता है।पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) / ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) द्वारा वेतन और अन्य स्थापना लागतों को छोड़कर, संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में निहित उनतीस (29) विषयों के तहत स्थान-विशिष्ट की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अप्रयुक्त अनुदान का उपयोग किया जाएगा। प्रयुक्‍त अनुदान का उपयोग (ए) स्वच्छता और ओडीएफ स्थिति के रखरखाव की बुनियादी सेवाओं के लिए किया जा सकता है, और इसमें घरेलू कचरे का प्रबंधन और शोधन और विशेष रूप से मानव मल और मल कीचड़ प्रबंधन और (बी) पेयजल की आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण के लिए किया जा सकता है।

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