वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के जिज्ञासा कार्यक्रम के अंतर्गत 20 दिसंबर 2024 को वैज्ञानिक योग्यता मूल्यांकन अभ्यास ऑनलाइन आयोजित किया गया। इसमें सीएसआईआर की 37 प्रयोगशालाओं में एकत्र हुए छात्रों ने बड़े वैज्ञानिक प्रदर्शनों तथा प्रयोग में भाग लिया। यह आयोजन इस मायने में अनोखा था क्योंकि पहली बार सीएसआईआर जिज्ञासा कार्यक्रम के तहत इतने छात्रों ने एक साथ कोई प्रयोग किया।सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (सीएसआईआर-आईजीआईबी), दिल्ली के निदेशक डॉ. सौविक मैती ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उद्घाटन भाषण के दौरान, उन्होंने सभी ऑनलाइन प्रतिभागियों का स्वागत किया और उनकी उपस्थिति के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। डॉ. मैती ने कहा, "शिक्षा केवल पाठ्यपुस्तकों को पढ़ने या परीक्षा देने से ही नहीं मिलती, बल्कि पाठ्यपुस्तकों और नियमित पाठ्यक्रम से परे जाना भी महत्वपूर्ण है।" उन्होंने छात्रों को व्यावहारिक कौशल प्रदान करने की दिशा में ऐसे आयोजनों के महत्व की सराहना की।
आईजीआईबी की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. बीना पिल्लई ने प्रतिभागियों को कार्यक्रम के विषय के बारे में बताया। डॉ. पिल्लई ने सीएसआईआर -आईजीआईबी की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. मिताली मुखर्जी का उदाहरण देते हुए कृषि, स्वास्थ्य सेवा और अन्य क्षेत्रों में डीएनए, जीनोमिक्स और आणविक जीव विज्ञान के महत्व के बारे में बताया। डॉ. मिताली मुखर्जी ने मानव जीनोमिक्स और व्यक्तिगत चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।
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