केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में नॉर्थ ईस्ट डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (NEDFI) द्वारा आयोजित नॉर्थ ईस्ट बैंकर्स कॉन्क्लेव 2024 को संबोधित किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने  त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में नॉर्थ ईस्ट डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (NEDFI) द्वारा आयोजित नॉर्थ ईस्ट बैंकर्स कॉन्क्लेव 2024 को संबोधित किया। इस अवसर‌ पर केन्द्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडू, केन्द्रीय उत्तर पूर्वी विकास क्षेत्र राज्य मंत्री श्री सुकांत मजुमदार और केन्द्रीय गृह सचिव श्री गोविंद मोहन सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।अपने सम्बोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि140 करोड़ की जनसंख्या और विषम भौगोलिक स्थिति वाले देश भारत के लिए अर्थतंत्र को बढ़ावा देने के साथ ही हर क्षेत्र क्षेत्र, राज्य और हर गांव और हर व्यक्ति का आर्थिक विकास जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब तक हम देश के 140 करोड़ लोगों के आर्थिक विकास को पूरा नहीं कर सकते तब तक विकसित राष्ट्र नहीं बन सकते। श्री शाह ने कहा कि विकसित राष्ट्र की कल्पना ही यह है कि हर व्यक्ति अपने और अपने परिवार का पालन करने में सक्षम हो, हर व्यक्ति के पास मूलभूत सुविधाएँ हों और हर व्यक्ति देश के विकास में योगदान करे। उन्होंने कहा कि ऐसा राष्ट्र ही विकसित राष्ट्र बन सकता है।

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श्री अमित शाह ने कहा कि किसी भी देश को आगे बढ़ना है तो उसका सम विकास होना चाहिए और हमारे बैंकर्स को भी इस मूल सिद्धांत को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नार्थ ईस्ट का विकास हम सबकी राष्ट्रीय ज़िम्मेदारी और दायित्व है।श्री शाह ने बैंकर्स से अनुरोध करते हुए कहा कि वे नार्थ ईस्ट को सिर्फ़ बिज़नेस, पोटेंशियल और मुनाफ़े की दृष्टि से न देखें बल्कि इसे रिस्पांसिबिलिटी के तौर पर देखें।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में नॉर्थईस्ट अगले 25 साल में भारत के विकास और विश्वास का गेटवे बनेगाऔर इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण के सभी रिकॉर्ड तोड़ेगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने नॉर्थ ईस्ट बैंकर्स कॉनक्लेव में शामिल लोगों से फाइनेंशियल इन्क्लूजन, इकोनामिक डेवलपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में सहायता करने की अपील करते हुए कहा कि इनके प्रति उनका नजरिया संवेदनशील होना चाहिए। उन्होंने नॉर्थ ईस्ट में फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रीकल्चर, MSME और पर्सनल लोन के लिए अलग पैरामीटर बनाने का सुझाव दिया। श्री शाह ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक एक अच्छे दृष्टिकोण से नॉर्थ ईस्ट की अभी की कैपेसिटी को ध्यान में रखते हुए पूर्वोत्तर के फाइनेंस के लिए एक विशिष्ट प्रकार की गाइडलाइन बनाए। उन्होंने कहा कि यहां बहुत बड़ा पोटेंशियल पड़ा है और आज नॉर्थ ईस्ट हमारे देश के एक्सपोर्ट का गेटवे बन गया है।

श्री अमित शाह ने कहा कि आजादी के बाद भारत का कुछ हिस्सा बांग्लादेश और बांग्लादेश का कुछ हिस्सा भारत के अंदर था इसके चलते इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने और रखरखाव में बड़ी दिक्कत आती थी। प्रधानमंत्री मोदी जी ने पहल कर आजादी के 75 साल बाद, संविधान में संशोधन और बांग्लादेश से वार्ता करके दोनों देशों के एनक्लेव एक्सचेंज करने का काम किया। इसके कारण आज हमारे वॉटर वे और वॉटर बेस चटगाँव के साथ जुड़ चुके हैं और आज चटगाँव बंदरगाह के जरिए पूरे नॉर्थ ईस्ट से दुनियभार में उत्पाद भेजने के रास्ते खुले पड़े हैं।उन्होंने कहा कि पहले ट्रांसपोर्टेशन कोस्ट 12से 15 प्रतिशत होती थी जिससे नॉर्थईस्ट के उत्पाद देश से बाहर नहीं भेजेजा सकते थे लेकिन आज नॉर्थईस्ट में कुछ भी उत्पादन करो चटगाँव बंदरगाह के जरिए दुनिया भर का बाजार खुला है।

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केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि गत 10 साल के अंदर नॉर्थ ईस्ट का आर्थिक रूप से पूर्ण विकास करने के लिए कनेक्टिविटी की क्रांति लगभग पूरी हो चुकी है। स्थानीय संसाधनों के समुचित और सही उपयोग के लिएISROकेमाध्यम से बहुत अच्छे प्रोग्राम्स बन चुके हैं, साथ ही पूर्वोत्तर में शांति और स्थिरता भी आई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इमोशन, इकोनामी और इकोलॉजी, इन तीनों दृष्टि से पूर्वोत्तर को सक्षम बनाने का काम किया है। पिछले 10 साल में श्री नरेंद्र मोदी जी स्वयं65 बार नॉर्थ ईस्ट आए हैं और केन्द्रीय मंत्रियों ने नॉर्थ ईस्ट में 700 से ज्यादा रात बिताई हैं। यह बताता है कि नॉर्थ ईस्टभारत सरकार का फोकस है।

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