चित्त-वृत्ति के नियमन का साधन  योग है



 


चित्त-वृत्ति के नियमन का साधन  योग है

 

संत कबीर नगर। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रभादेवी शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा संचालित विभिन्न संस्थाओं के शिक्षक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा आयोजित योग शिविर का उद्घाटन मुख्य विकास अधिकारी संत कबीर नगर डॉ0 बब्बन उपाध्याय ने किया।

 शिविर का उद्घाटन करते हुए डॉ0 उपाध्याय ने कहा कि योग हमारे देश की प्राचीन जीवन शैली है। चित्त व वृत्ति के नियमन के लिए योग हमारे लिए वरदान के सदृश्य है। गीता में भगवान योगेश्वर श्री कृष्ण ने अर्जुन को योग का संदेश दिया था।

 डॉक्टर बब्बन उपाध्याय ने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह परंपरा महर्षि पतंजलि से लेकर आज तक अक्षुण्ण रूप से चल रही है।

योग शिविर की अध्यक्षता श्रीमती पुष्पा चतुर्वेदी तथा सफल संचालन डॉक्टर पी0 के0 त्रिपाठी ने किया। आभार ज्ञापन करते हुए संस्थान के प्रबंधक डॉक्टर वैभव चतुर्वेदी ने कहा कि भारत एवं योगाभ्यास का प्राचीन रिश्ता है। योग शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य का अदभुत विज्ञान माना जाता है। योग हमारे दिनचर्या का अभिन्न अंग होना चाहिए और इसका अभ्यास हमें दिन प्रतिदिन करना चाहिए।

 योग शिविर में प्रभा ग्रुप के समक्ष श्री विजय कुमार राय, श्रीमती नीलम चतुर्वेदी, प्राचार्य डॉ प्रमोद कुमार त्रिपाठी, शिव शंकर चतुर्वेदी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ के0एम0 त्रिपाठी, पी0डी0 ला कॉलेज के प्राचार्य डॉ रमेश कुमार, चैनल मैनेजर श्री रितेश त्रिपाठी, विनोद मिश्रा, संदीप पांडे बीटीसी प्रभारी  ममता शुक्ला मनोज राय, दीपक सिंह, उमेश सिंह, आलोक कुमार सहित अनेक शिक्षक एवं प्रशिक्षु उपस्थित रहे।

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