अयोध्या रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य व मणिरामदास की छावनी के श्रीमहंत नृत्यगोपाल दास जी महाराज के जन्मोत्सव पर आयोजित संत सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव मौर्या ने राममंदिर निर्माण के मुद्दे पर कहा कि हमारे पास दो विकल्प हैं पहला सुप्रीम कोर्ट का निर्णय और दूसरा बातचीत का। जब इन दोनों से समाधान नहीं निकलेगा तो कानून बनाकर मंदिर निर्माण का रास्ता निकलेगा। उन्होंने कहा कि मैं डिप्टी सीएम से पहले रामभक्त के साथ-साथ कारसेवक भी हूं। अब बहुत जल्द हमारा संकल्प व स्वप्न साकार होगा।उन्होंने कहा कि जहां भी बात प्रारंभ होती है वह राममंदिर निर्माण से ही शुरू होती है। जब तक प्रस्तावित राममंदिर के शिखर पर कलश स्थापित नहीं हो जाता, यह चर्चा चलती रहेगी। संतों के आशीर्वाद से ही मोदी सरकार ने दूसरी पारी शुरू की है।एक समय था जब सुनवाई लगातार टाली जा रही थी, आज सुनवाई चल रही है और बातचीत भी हो रही है। मध्यस्थता के लिए एक पैनल बनाया गया है जो सुलह-समझौते का प्रयास कर रहा है। यदि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले व बातचीत से यह मामला हल नहीं होता तो कानून बनाकर भी राममंदिर निर्माण का रास्ता बनाएंगे, लेकिन किसी भी कीमत पर बाबर के नाम पर एक भी ईंट नहीं रखने दी जाएगी।
संतों का जैसा भी आदेश होगा, पार्टी उसी के अनुसार काम करेगी। उन्होंने संतों को आश्वस्त किया कि सिर्फ अयोध्या ही नहीं देश के अन्य कई मंदिर बनने जा रहे हैं।इससे पूर्व सर्किट हाउस में पत्रकारों से उन्होंने कहा कि वह खुद राम भक्त हैं व अयोध्या में भव्य राममंदिर बनवाने के समर्थक हैं। डिप्टी सीएम ने कहा कि मोदी है तो हर नामुमकिन भी मुमकिन है और जल्द ही अयोध्या में भव्य राममंदिर बनेगा।
मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। पहले सुनवाई की प्रक्रिया सुस्त थी लेकिन अब रफ्तार पकड़ चुकी है। उम्मीद है कि जल्द फैसला आएगा। शिवसेना प्रमुख के आगमन पर उन्होंने कहा कि अयोध्या, काशी व मथुरा तीर्थ स्थल हैं। यहां किसी के आने पर कोई रोक नहीं होनी चाहिए।
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