कुछ फाइलों के लिए फुंकवा दी गयी पिकप भवन की पूरी बिल्डिंग
लखनऊ पिकप भवन अग्निकांड की साजिश से आखिरी पर्दा भी आखिरकार उठ गया। पूरे घटनाक्रम का ताना-बाना वरिष्ठ प्रबंधक तकनीकी एनके सिंह ने बुना था। किसी को फायदा पहुंचाने के के लिए उसने फाइलों के साथ पूरा भवन फुंकवा डाला। पुलिस ने बुधवार दिन में आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया। एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक अग्निकांड में उप प्रबंधक कंप्यूटर नरेंद्र कुरील और उप प्रबंधक वित्त मनोज कुमार गुप्ता की भूमिका भी संदिग्ध है।प्रदेशीय इंडस्ट्रीयल एंड इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ यूपी (पिकप) में तीन जुलाई शाम आग लग गई थी। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच कर रहे अतिरिक्त निरीक्षक रमेश चंद्र पांडेय ने एनके सिंह की गतिविधियां संदिग्ध पाईं थी। पुलिस ने सीडीआर, बायोमेट्रीक पंचिंग, डेटा एनालिसिस और सीसी कैमरों की फुटेज खंगाली। जांच में पता चला कि एनके सिंह के कार्यालय से ही आग की शुरुआत हुई थी। उनके पास रहने वाली बहुत सारी महत्वपूर्ण फाइलें जलकर नष्ट हो गईं। अधिकांश फाइलें रिकवरी, ओटीएस व इंसेंटिव जैसे महत्वपूर्ण प्रकरणों से संबंधित थीं। जांच में साफ हुआ कि एनके सिंह किसी को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे। वह लोग कौन हैं, इसकी पड़ताल की जा रही है।
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