वन्य जीवन दिवस पर विशेष जागरूकता अभियान की जरूरत : पीयूष पण्डित


वन्य जीवन दिवस पर विशेष जागरूकता अभियान की जरूरत : पीयूष पण्डित

दिल्ली: स्वर्ण भारत परिवार राष्ट्रीय कार्यालय में एक संगोश्ठी का आयोजन किया गया जिसमें वन्य जीवन से ही मानव जीवन है इस पर चर्चा हुई इस मौके पर पीयूष पण्डित ने कहा कि 20 दिसंबर 2013 को, अपने 68 वें सत्र में, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मनाने और दुनिया के जंगली जानवरों और पौधों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए घोषित किया। संयुक्त राष्ट्र संघ के संकल्प ने संयुक्त राष्ट्र के कैलेंडर पर वन्यजीवों के लिए इस विशेष दिन के वैश्विक पालन के लिए CITES सचिवालय को सूत्रधार के रूप में नामित किया।इस बार का विश्व वन्यजीव दिवस 3 मार्च को मंगलवार के दिन मनाया जा रहा है। वन्यजीव दिवस के इतिहास में पहली बार वर्ष 2020 में जलीय जीवों की प्रजातियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस वर्ष वन्यजीव दिवस की थीम है “Sustaining All Life On Earth”

समस्त विश्व जीव-जंतु तथा पेड़- पौधों की विभिन्न प्रजातियों से भरा हुआ है। सभी प्रजातियों के जीव, जंतु, पेड़, पौधे तथा पक्षी पारिस्थितिकी तंत्र के अस्तित्व के लिए अपने-अपने तरीकों से महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। वन्यजीव मानव अस्तित्व के समय से ही धरती पर उपस्थित हैं, तथा एक- दूसरे के जीवन का अभिन्न अंग भी बन चुके हैं।

वन्यजीवों से हमे भोजन तथा औषधियों के अलावा भी अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे कि वन्यजीव जलवायु को संतुलित रखने में सहायता करते हैं। ये वर्षा को नियमित रखने तथा प्राकृतिक संसाधनों की पुनःप्राप्ति में सहयोग करते हैं।स्वर्ण भारत निरन्तर वन्य जीवन को संरक्षित करने के प्रयास मे कई रैलियां करता रहता है ।

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