आखिरी रास्ता -लॉक डाउन 


 आखिरी रास्ता -लॉक डाउन 



अंकित सिंह "खड्गधारी "
आज कोरोना वायरस ने सिर्फ भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व को ही डरा रक्खा है और डरना भी चाहिए क्यूंकि अभी तक इस वायरस का इलाज़ सुगम नहीं हो सका और न ही इसके संक्रमण को रोकने का कोई सटीक इलाज़ आया है जिस से यदि किसी एक व्यक्ति को कोरोना का संक्रमण है तो इसका कोई भी उपाय नहीं है कि वह संक्रमण  औरो में न फैले , दुनिया भर के वैज्ञानिक और एक से बढ़कर एक काबिल संस्थाए , स्वयं who भी इस पर  काम कर रहा है लेकिन अभी तक कोई सटीक जवाब कहीं से भी नहीं आ सका है ऐसे पूर्रे विश्व ने लॉक डाउन को ही एक मात्रा विकल्प बताया  है कि बस यही एक रास्ता है जो इस लगातार फैलते संक्रमण को रोक सकता है और पूरे विश्व की तरह भारत  ने भी इसी व्यवस्था को पूरे देश में एक साथ लागू भी किया है ,यह एक अच्छी पहल है जो कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गयी लेकिन ये लॉक डाउन एक साथ कई सारे सवाल भी लाता है और वो समाज के हर तबके का है किसी एक तबके का नहीं 
उसमे सब से पहले तो वे आते है जो लॉक डाउन को गंभीरता से ले ही नहीं रहे , उन्हें शायद खुद पर इतना ज्यादा भरोसा है और वे दुसरो की जान से खिलवाड़ करने में खुद को गौरवान्वित समझते है इसीलिए वे पुलिस की नाक में दम किये रहते है और आप सभी ने मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसे मनमोहक वीडियोस को भोग भी लिया होगा ,ये एक कड़वा सच है कि प्रशासन हर दरवाजे पर तो पुलिस लगा नहीं सकता ऐसे ,जो इस तरह के शरारती तत्त्व है वे अपने आप को तीसमारखाँ से कम नहीं समझते वे खुले में बाहर खड़े होकर फ़ोन में बाते  करने को अपनी शान समझ रहे है , कुछ ऐसे है जिनकी मज़बूरी बन चुका है छुप छुप कर बाहर जाना, आखिर उन्हें सुट्टा (सिगरेट पीना )जो लगाना है , कुछ तो इतने ज्यादा बुद्धिमान बनते है यदि उनके घर में कोई भी शक्श किसी भी आपत्तिकालीन सेवा में कार्यरत है तो उनकी गाडी लेकर या फिर कई बार उनकी वर्दी पहन कर भी अपने घूमने के शौक को पूरा करने निकल रहे है उन्हें शायद इस बात का बिलकुल भी ख्याल नहीं है कि कोरोना ने कैसे तेजी से भारत में अपने आप को खड़ा कर लिया है और वह अब तेजी से रेस लगाने की तयारी में ऐसे में अगर जनता स्वयं ही अपने द्वारा इस लॉक डाउन को तोड़ने की कोशिस करती है तो फिर ये बेहद निराशा जनक होगा क्यूंकि यही एक माध्यम है जो हमे इस महामारी की चपेट में आने से बचा जा सकता है 
और इन्ही महानुभावो (घूमने के शौक़ीन ) की वजह से जो व्यक्ति वास्तव में किसी बहुत जरुरी काम से घर से मज़बूरी में घर से निकले है या फिर वे किसी आपातकालीन सेवा कार्यरत है तो उन्हें पुलिस की कार्यवाही का शिकार होना पड़ता है ,इसीलिए स्वयं देश के बड़े बड़े नेताओं व सिनेमा जगत की बड़ी बड़ी हस्तिया सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार देश के लोगो से अपील कर रही है कि वे देशहित में इस लॉक डाउन को सफल बनाये क्यूंकि हमारे पास कोई  भी अन्य चारा नहीं है इस कोरोना से बचने का 


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