तकनीक का उपयोग कर ग्रामीण इलाकों के छात्रों को शहर के वयस्‍कों से जोड़ा

तकनीक का उपयोग कर ग्रामीण इलाकों के छात्रों को शहर के वयस्‍कों से जोड़ा
निहार शांति आंवला ने अपने अभियान 'पढ़ाई पर लॉकडाउन नहीं' के जरिए भारत के ग्रामीण इलाकों के छात्रों के लिए नि:शुल्‍क शैक्षणिक पाठ्यक्रम उपलब्‍ध कराया
तकनीक का उपयोग कर ग्रामीण इलाकों के छात्रों को शहर के वयस्‍कों से जोड़ा गया ताकि उनके मार्गदर्शन में छात्र अंग्रेजी बोलना सीख सकें
पाठशालाफनवाला एप्‍प पर वर्चुअल क्‍लासेज के जरिए स्‍कूली पाठ्यक्रम की पढ़ाई शुरू की
मुंबई,7 मई, 2020: बच्‍चों की शिक्षा हमारे देश की प्रगति की आधारशिला है और किसी भी परिस्थिति में शिक्षा बाधित नहीं होनी चाहिए - इस धारणा को ध्‍यान में रखते हुए, निहार शांति आंवला ने कोविड-19 विशेष अभियान की घोषणा की है। इस अभियान को 'पढ़ाई पर लॉकडाउन नहीं' का नाम दिया गया है।
इस पहल के तहत, निहार शांति आंवला द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि उनके 'फोन उठाओ इंडिया को पढ़ाओ' प्रोग्राम के जरिए छात्र अपने घरों पर रहते हुए भी अपनी पढ़ाई-लिखाई जारी रख सकें। उक्‍त प्रोग्राम पिछले वर्ष शुरू किया गया था। ब्रांड ने पाठशालाफनवाला एप्‍प के जरिए वर्चुअल क्‍लासेज भी उपलब्‍ध कराया है। इस एप्‍प को गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
'फोन उठाओ इंडिया को पढ़ाओ' प्रोग्राम के जरिए, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बच्‍चे अंग्रेजी बोलना सीखते हैं और इसका अभ्‍यास करते हैं। छात्र, टोलफ्री नंबर पर कॉल कर सकते हैं और शहर में रहने वाले किसी बड़े व्‍यक्ति (वालंटियर) की मदद से फोन पर बातचीत के जरिए अपने अंग्रेजी मॉड्युल्‍स जारी रख सकते हैं। मौजूदा स्थिति में जहां लोग घरों पर रहकर काम कर रहे हैं और उनके पास सहायता के लिए संभावित रूप से अतिरिक्‍त समय हो सकता है, ब्रांड द्वारा शिक्षित, शहरी उपभोक्‍ताओं को आमंत्रित किया जा रहा है कि वो हफ्ते भर के अपने समय में से मात्र 10 मिनट समय स्‍वेच्छापूर्वक दें और फोन संवादों के जरिए इन छात्रों को अंग्रेजी बोलने का अभ्‍यास करने में सहायता करें।
इस प्रोग्राम को आगे बढ़ाने और वर्चुअल तरीके से शिक्षा के अन्‍य अवसरों को शामिल करने के उद्देश्‍य से, निहार शांति आंवला ने एएएस विद्यालय के सहयोग से पाठशालाफनवाला एप्‍प पर स्‍कूली पाठ्यक्रम भी उपलब्‍ध कराया है। अभी, सीबीएसई, उत्‍तर प्रदेश और एनओआईएस बोर्ड के अनुसार डिजाइन किये गये 6वीं-10वीं कक्षा का स्‍कूली पाठ्यक्रम एप्‍प पर उपलब्‍ध है। छात्रों के लाभ के लिए, उन्‍हें अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में अध्‍यायों को पढ़ाया जाता है। ये शिक्षण सत्र वीडियोज के रूप में हैं, जो लगभग 15 मिनट तक के हैं। पढ़ाये गये सबक को बेहतर और स्पष्‍ट तरीके से समझने के लिए, छात्र इस एप्‍प के जरिए शिक्षकों के साथ संवाद भी कर सकते हैं।
इन पहलों के बारे में बताते हुए, कोशी जॉर्ज, मुख्‍य विपणन अधिकारी, मैरिको ने कहा, ''निहार शांति आंवला ने हमेशा से यह माना है कि शिक्षा, राष्‍ट्र के विकास की आधारशिला है। कोविड-19 महामारी ने शिक्षा की निरंतरता के लिए गंभीर चुनौतियां पैदा की है। हम इस बात को समझते हैं और छात्रों के लिए लॉकडाउन के दौरान भी पढ़ाई-लिखाई सुनिश्चित करने हेतु, हमने यह प्रोग्राम शुरू किया है। इसके जरिए, शहरों में रहने वाले वयस्‍क अपने घरों से भी गांवों के बच्‍चों को अंग्रेजी बोलना सीखा सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले छात्र आसान, सुविधाजनक फोन-आधारित माध्‍यम के जरिए कभी भी और कहीं भी अंग्रेजी सीखने की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। हमने पाठशालाफनवाला एप्‍प पर अन्‍य विषयों के भी पाठ्यक्रमों की पढ़ाई उपलब्‍ध कराने हेतु एएएस विद्यालय के साथ सहयोग किया है। इसमें कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के छात्रों के लिए सीबीएसई, यूपी और एनओआईएस बोर्ड के अनुसार पाठ्यक्रम उपलब्‍ध हैं। हमें विश्‍वास है कि इन पहलों के जरिए, हम साथ मिलकर इन बच्‍चों के जीवन में सकारात्‍मक बदलाव ला सकते हैं और विश्‍वासपूर्ण, शिक्षित युवा भारत के निर्माण की दिशा में प्रयास कर सकते हैं।''
निहार शांति आंवला देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले वंचित बच्‍चों को शिक्षित करने के अपने मिशन को सुदृढ़ करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है। इस हेतु, यह सर्वोत्‍तम तकनीकों को उपयोग में ला रहा है, ताकि यह न केवल छात्रों तक पहुंचकर उनके साथ जुड़कर उन्‍हें शिक्षित कर सके बल्कि शिक्षा के बेहतर परिणाम भी प्रदान कर सके।
पिछले कुछ वर्षों में, निहार शांति पाठशालाफनवाला ने ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए बड़े पैमाने पर प्रोग्राम्‍स चलाये हैं। इन प्रोग्राम्‍स का 7500 से अधिक गांवों पर सकारात्‍मक प्रभाव पड़ा है और पिछले वर्ष, इन गांवों के लिए 3 लाख बच्‍चों से 10 लाख कॉल किये गये हैं।
मैरिको लिमिटेड के विषय में
मैरिको (BSE: 531642, NSE: “MARICO”) भारत की प्रमुख उपभोक्‍ता उत्‍पाद कंपनियों में से एक है। यह वैश्विक सौंदर्य एवं वेलनेस के क्षेत्र में परिचालन करती है। वर्ष 2018-19 के दौरान, मैरिको ने भारत और एशिया व अफ्रीका के चुनिंदा बाजारों में अपने उत्‍पादों की बिक्री के जरिए 73.3 बिलियन (1.05 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का टर्नओवर दर्ज कराया है।
मैरिको अपने ब्रांड्स जैसे कि पैराशूट, पैराशूट एडवांस्‍ड, सफोला, सफोला फिट्टिफाई गॉर्मेट, कोको सोल, हेयर एंड केयर, निहार नैचुरल्‍स, लिवॉन, सेट वेट, सेट वेट स्‍टूडियो एक्‍स, ट्रू रूट्स, काया यूथ O2, मेडिकर और रिवाइव के पोर्टफोलियो के जरिए प्रत्‍येक 3 भारतीयों में से 1 भारतीय के जीवन में शामिल है। समूह के राजस्‍व में अंतर्राष्‍ट्रीय कंज्‍यूमर प्रोडक्‍ट्स पोर्टफोलियो का योगदान लगभग 22 प्रतिशत है। अंतर्राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता उत्‍पादों के पोर्टफोलियो में पैराशूट, पैराशूट एडवांस्‍ड, हेयरकोड, फियांसी, कैविल, हरक्‍यूलस, ब्‍लैक चिक, कोड 10, इन्‍गेज, एक्‍समेन, सेड्योर, थुआन फाट और आइसोप्‍लस शामिल हैं।
Shailesh Kasbe


 


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