राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों ने ‘गोल्डन टैप’ नामक कोड वाली एक गुप्त खुफिया कार्रवाई के तहत 11 मई 2022 को दिल्ली एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स में एक एयर कार्गो खेप को इस संदेह में रोक लिया कि इसमें छिपाकर रखा गया तस्करी का सोना हो सकता है। इस खेप में त्रिकोणाकार वाल्व होने की घोषणा की गई थी। यह खेप चीन के ग्वांगझू से आई थी और जापान एयरलाइंस की उड़ान से इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पर पहुंची थी।
गुरुवार की सुबह तक जारी गहन और लंबी जांच-पड़ताल के बाद बड़ी संख्या में आयातित अनगिनत त्रिकोणाकार वाल्व में छिपाकर रखा गया 24 कैरेट सोना पाया गया। यदि डीआरआई अधिकारियों को विशिष्ट खुफिया जानकारी नहीं मिली होती तो सोना छिपाने के इस जटिल तरीके के बारे में पता ही नहीं लग पाता, जिसमें एक ऐसी निष्कर्षण प्रक्रिया निहित होती है जो अत्यंत सावधानीपूर्वक की जाती है और जिसमें काफी समय लगता है। गहन जांच-पड़ताल के बाद डीआरआई के अधिकारीगण इस खेप से 32.5 करोड़ रुपये के बाजार मूल्य वाले 61.5 किलोग्राम सोना बरामद करने में सफल रहे। 99 प्रतिशत शुद्धता वाले इस बरामद सोने को जब्त कर लिया गया है।
इस खुफिया एजेंसी द्वारा एयर कार्गो और कूरियर खेप से सोना जब्त करने के कई हालिया मामलों के बाद यह नया मामला सामने आया है। इनमें मई, 2022 में लखनऊ एवं मुंबई में 5.88 करोड़ रुपये से भी अधिक मूल्य का 11 किलोग्राम सोना जब्त करने और इससे पहले जुलाई, 2021 में नई दिल्ली में एक कूरियर खेप से 8 करोड़ रुपये मूल्य का 16.79 किलोग्राम सोना जब्त करने, और फिर नवंबर, 2021 में नई दिल्ली में एक एयर कार्गो खेप से 39.31 करोड़ रुपये मूल्य का 80.13 किलोग्राम सोना जब्त करने के मामले शामिल हैं।
सोना छिपाने के ऐसे चालाकी भरे तरीकों का पता आखिरकार लगा ही लेने की डीआरआई की क्षमता सोना जब्त करने के इन मामलों से और भी अधिक मजबूत होती है। यही नहीं, डीआरआई की यह नायाब क्षमता उन लोगों के नापाक मंसूबे को विफल करने में कामयाब साबित हो रही है जो भारत की आर्थिक सरहदों को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। डीआरआई इन अपराधों को अंजाम देने वालों के खिलाफ निरंतर कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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