करना है भगवान् शंकर की पूजा तो जानिये ये बाते

 


सावन माह में श्रद्धालु भगवान शंकर का विशेष पूजन अर्चन करते हैं. धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है ‘श्रावणे पूजयेत शिवम्’ अर्थात सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा-आराधना और जप-तप करना विशेष रूप से फलदाई होता है. सावन के महीने में भगवान शिव अपने भक्तों पर जल्द प्रसन्न होकर सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. यही नहीं, सावन के महीने में शिव मंदिरों में भगवान शिव की पूजा उपासना के लिये भक्तों का तांता लगा रहता है. जबकि भगवान शिव का जलाभिषेक और सावन सोमवार का व्रत भी इसी महीने में रखा जाता है.
 सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यकर्मों को पूरा कर स्नानादि कर निवृत्त हो जाएं. इसके बाद पूजा स्थल पर बैठकर चौकी पर भगवान शिव और पार्वती का चित्र स्थापित कर पवित्रीकरण करें. बेलपत्र, भांग, धतूर ,सफेद फूल, दूध, दही ,घी ,मक्खन ,अक्षत चंदन ,अबीर, गुलाल आदि से पूजन करें. भगवान शंकर का जलाभिषेक करें. ईर्ष्या द्वेष अपने मन में ना रखें. सावन माह में ब्रम्हचर्य आदि का पालन करना चाहिए. लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा आदि का त्याग करना चाहिए. अपने घरों में मिट्टी का शिवलिंग बनाकर भगवान शंकर का रुद्राभिषेक करें. शिव शंकर को घी, शक्कर प्रसाद का भोग लगाएं. महामृत्युंजय मंत्र और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें.

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