केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने मध्य एशियाई देशों के युवा शिष्टमंडल के साथ बातचीत की


प्रमुख विशेषतायें:

युवा कार्यक्रम विभाग 17 से 23 नवंबर, 2022 तक मध्य एशियाई देशों के 100 सदस्यीय युवा शिष्टमंडल की मेजबानी कर रहा है। केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज नई दिल्ली में युवा शिष्टमंडल के सम्मान में रात्रि भोज का आयोजन किया। इस अवसर पर युवा कार्यक्रम सचिव श्री मीता आर लोचन और मंत्रालय के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। उस रंगारंग शाम को शिष्टमंडल के सदस्यों ने बॉलीवुड के गीतों पर अपनी कला का प्रदर्शन किया।

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केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने रात्रि भोज के दौरान शिष्टमंडल से बातचीत की। श्री ठाकुर ने कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का ही एक रूप है, जिसमें चार मध्य एशियाई देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं। यह कार्यक्रम सद्भावना और स्वस्थ सम्बंधों को प्रगाढ़ बनायेगा। श्री ठाकुर ने प्रतिनिधियों के प्रदर्शन की सराहना की और कहा कि इससे हमें स्पष्ट हो जाता है कि मध्य एशिया पर भारतीय सिनेमा का कितना बड़ा प्रभाव है। उन्होंने कहा, इससे पता चलता है कि भले हम दुनिया के विभिन्न इलाकों में रहते हों, लेकिन हमारी कई चीजें साझा हैं। किसी भी देश में वहां के युवा सबसे महत्त्वपूर्ण हितधारक होते हैं।

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अपनी भारत यात्रा के दौरान शिष्टमंडल ने दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री संग्रहालय और युद्ध स्मारक का दौरा किया। मुम्बई में वे टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुम्बई फिल्म सिटी, गेट वे ऑफ इंडिया गये और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री तथा राज्यपाल से बातचीत करने का अवसर भी उन्हें मिला। मध्य एशिया के शिष्टमंडल ने विदेश मंत्री के साथ भी चर्चा की।

प्रधानमंत्री ने 27 जनवरी, 2022 को पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की वर्चुअल माध्यम से मेजबानी की थी। शिखर सम्मेलन में कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति सम्मिलित हुये थे। शिखर सम्मेलन संयोगवश ऐसे समय हुआ था, जब भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच राजनयिक रिश्तों की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ भी थी। मध्य एशियाई देशों के शीर्ष नेतृत्व ने भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष हो जाने पर प्रधानमंत्री को बधाई दी थी।

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भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच सभ्यतामूलक, सांस्कृतिक, व्यापारिक और लोगों के बीच आदान-प्रदान के एक सदी पुराने सम्बंधों को याद करते हुये शीर्ष नेतृत्व ने दीर्घकालिक, समग्र तथा सतत भारत-मध्य एशिया साझीदारी की आकांक्षा प्रकट की, जो आपसी भरोसे, समझ और मैत्री पर आधिरत हो। भारत के प्रधानमंत्री ने मध्य एशियाई देशों के 100 सदस्यीय शिष्टमंडल की हर वर्ष मेजबानी करने का प्रस्ताव किया था, जिसका मध्य एशियाई नेतृत्व ने स्वागत किया।

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प्रधानमंत्री ने क्षेत्रीय विकास, शांति और समृद्धि के लिये सपोर्ट ऑफ ऑल, डेवलपमेंट फॉर ऑल, ट्रस्ट ऑफ ऑल, एफर्ट्स ऑफ ऑल के सिद्धांत की रूपरेखा प्रस्तुत की। मध्य एशियाई देशों के शीर्ष नेतृत्व ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि वैश्विक विकास के केंद्र में मानवजाति का होना जरूरी है, ताकि कोई भी पीछे न छूटने पाये। इस संदर्भ में, शीर्ष नेतृत्व ने अधिक सहयोगात्मक और समावेशी वैश्विक प्रगति तथा विकास को समर्थन दिया। युवा कार्यक्रम विभाग ने मध्य एशियाई देशों सहित विभिन्न देसों के साथ अंतर्राष्ट्रीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम को लागू करना शुरू कर दिया है।

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