नईदिल्ली (पीआईबी)विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत मिनी रत्न, श्रेणी-I और अनुसूची 'ए' वाले केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम एसजेवीएन लिमिटेड को महाराष्ट्र में 1,352 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए आदेश पत्र प्राप्त हुआ है। ये परियोजनाएं एसजेवीएन की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) के माध्यम से राज्य के चार जिलों, नासिक, सोलापुर, अहमदनगर और पुणे में विकसित की जाएंगी। एसजेवीएन की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्रीमती गीता कपूर ने बताया कि इन सौर परियोजनाओं को महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 के अंतर्गत विकसित किया जाएगा ।
"मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना" जून 2017 में शुरू की गई थी, जिसमें 2 मेगावाट से 10 मेगावाट क्षमता की विकेन्द्रीकृत सौर परियोजनाएं कृषि-प्रधान उप-स्टेशनों के 5 किमी के दायरे में स्थापित की जाएंगी। बाद में इस योजना को मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 (एमएसकेवीवाई 2.0) के रूप में पुनः नामित किया गया, जिसमें फास्ट-ट्रैक मोड में 7,000 मेगावाट विकेन्द्रीकृत सौर परियोजनाओं के कार्यान्वयन के माध्यम से 2025 तक 30% फीडर सौर्यीकरण (सोलराइजेशन) का लक्ष्य रखा गया, जिससे दिन के समय किसानों को बिजली की आपूर्ति हो सके।
अधिक विवरण यहां देखें : https://www.mahadiscom.in/solar-mskvy/index.php |
एसजेवीएन को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फड़नवीस, एसजेवीएन के निदेशक (वित्त), श्री अखिलेश्वर सिंह एवं एसजीईएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) श्री अजय सिंह की उपस्थिति में यह आदेश पत्र 7 विगत मार्च, 2024 को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में प्राप्त हुआ। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र राज्य सरकार, महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड और एसजीईएल के अधिकारी भी उपस्थित थे।
1,352 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए कुल निवेश लगभग 7,436 करोड़ रूपये होगा। यह पीएम-कुसुम योजना में एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) का पहला योगदान होगा। ये परियोजनाएं परियोजना लागत के अधिकतम 30% तक केंद्रीय वित्तीय सहायता के लिए पात्र होंगी।
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