संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की पुनर्निर्मित वेबसाइट की शुरुआत की

नईदिल्ली (पीआईबी)संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने  राष्ट्रीय संग्रहालय में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की पुनर्निर्मित वेबसाइट का अनावरण किया। उन्होंने कॉरपोरेट-घरानों के प्रतिनिधियों को एडॉप्ट ए हेरिटेज 2.0 के तहत स्मारकों को अंगीकार करने के लिए समझौता ज्ञापन भी सौंपे। इस अवसर पर श्रीमती लेखी ने कहा कि डिजिटलीकरण समावेशन का सहयोगी है। पुनर्निर्मित वेबसाइट की शुरुआत और हेरिटेज 2.0 को अपनाना भारत की परंपरा के साथ आधुनिकता का मिलन कराने की दिशा में एक ठोस कदम है।


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उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 'विरासत भी, विकास भी' के दृष्टिकोण के अनुरूप है। इन एमओयू पर कॉरपोरेट्स के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं, क्योंकि केवल एएसआई हमारी 4000 विरासतों को संरक्षित करने के अपने कार्य को पूरा नहीं कर सकता है। ऐसे में इस प्रयास में सभी को शामिल किया जाना चाहिए, चाहे वह सरकार हो, कॉरपोरेट्स या फिर नागरिक हों। 'सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास' की थीम पर सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है।


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संस्कृति मंत्रालय के सचिव श्री गोविंद मोहन ने कहा कि 4000 स्मारकों में से 14 को अंगीकार कर इस यात्रा की शुरुआत की गई है। दर्शकों को बेहतर अनुभव देने, स्मारकों का जीवंत इतिहास बताने और भारत की संस्कृति में उनके स्थान को और अधिक बेहतर ढंग से व्याख्या करने के लिए इन 14 स्मारकों को बदला जाएगा। उन्होंने कहा कि जब हमने 'अडॉप्ट ए हेरिटेज वेबसाइट' बनाई थी, उस पर हजारों स्मारक लोड किए गए थे। कॉरपोरेट इंडिया सीमित रूप में या व्यापक रूप से इन्हें अपना सकता है और देश के अमृत काल का हिस्सा बन सकता है।


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आजकल छात्र जानकारी लेने के लिए वेबसाइट को एक मूल्यवान संसाधन मानते हैं। ऐसे में इस व्यापक डिजिटल बदलाव से सभी लोग तकनीक का लाभ उठा सकते हैं, जो एएसआई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है कि ज्यादा से ज्यादा लोग देश के सांस्कृतिक खजानों के बारे में जान सकें।


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देशभर में 3600 से अधिक स्मारकों को अपने संरक्षण में रखने के साथ एएसआई इन सांस्कृतिक विरासत में आगंतुकों की सुरक्षा और उनके अनुभव को बेहतर बनाने में बाहरी भागीदारों के साथ सहयोग के महत्व को पहचानता है। समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने से विशिष्ट स्मारकों को अपनाने, उनके रखरखाव में योगदान देने और लोगों के सामने बेहतर तरीके से विवरण प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी लेने के लिए इन एजेंसियों की प्रतिबद्धता को औपचारिक रूप दिया जाएगा।

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