बेंगलुरु में संगम के लिए आयोजित हुए दूसरे आउटरीच कार्यक्रम डिजिटल ट्विन पहल उद्योग, शिक्षा, स्टार्टअप और एमएसएमई के प्रतिष्ठित गणमान्यों, दूरदर्शी और नवप्रवर्तकों की ज़बरदस्त भागीदारी और उत्साह का साक्षी बना। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, दूरसंचार विभाग के सचिव और आईआईआईटी बैंगलोर के निदेशक ने 'संगम संवाद' के मुख्य सत्र के दौरान सार्थक संवाद सत्र में भाग लिया और विजन 2047-विकसित भारत को प्राप्त करने के लिए प्रौद्योगिकी की भूमिका पर विचार-विमर्श किया।
इस अवसर पर, नीति आयोग के सीईओ, श्री बीवीआर सुब्रमण्यम ने डिजिटल ट्विन की परिवर्तनकारी क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने नवाचार और दक्षता को बढ़ावा देने के लिए सभी क्षेत्रों में सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भविष्य के परिदृश्य को आकार देने में एआई की भूमिका पर भी चर्चा की और तकनीकी प्रगति में भारत की अग्रणी स्थिति के प्रति आशा जताई।
दूरसंचार के सचिव डॉ. नीरज मित्तल ने सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता वाली पहल के रूप में आगे की योजना और संगम की आवश्यकता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री के भविष्य के बुनियादी ढांचे के आह्वान से प्रेरित है, जिसका लक्ष्य मंत्रालयों में योजना के बीच तालमेल बनाना है। डेटा की परिवर्तनकारी शक्ति, कंप्यूटिंग प्रगति और आईओटी क्षमताओं को स्वीकार करते हुए, उन्होंने इस पहल की महत्वाकांक्षी स्थिति और 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने की दिशा में प्रेरित करने की इसकी क्षमता पर बल दिया।
इस कार्यक्रम का आयोजन आईआईआईटी बैंगलोर में दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा दूरसंचार उत्कृष्टता केंद्र (टीसीओई) के सहयोग से किया गया था। कार्यक्रम ने इस तरह की परिवर्तनकारी पहल के लिए पाठ्यक्रम तैयार करते समय सहयोगी अवसरों के साथ-साथ सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के अलावा इसका ठोस समाधान तलाशने के लिए एक साझा मंच प्रदान किया।
निदेशक प्रोफेसर देबब्रत दास ने कहा कि हमें आईआईआईटी-बैंगलोर में प्रतिष्ठित संगम: डिजिटल ट्विन कार्यक्रम की मेजबानी करते हुए प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। यह 6जी और उन्नत दूरसंचार, आईओटी, डिजिटल ट्विन, एआई, एमएल और विभिन्न अन्य अत्याधुनिक क्षेत्रों में वर्तमान में जारी हमारे शोध से पूरी तरह से तालमेल रखता है।
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