नईदिल्ली (पीआईबी)पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) प्राकृतिक गैस के साथ हाइड्रोजन का मिश्रण करके प्राकृतिक गैस ट्रांसमिशन लाइनों के माध्यम से ग्रीन हाइड्रोजन के ट्रांसपोर्टेशन के कार्य पर प्रगति कर रहा है।पीएनजीआरबी ग्रीन हाइड्रोजन के ट्रांसपोर्टेशन के लिए प्राकृतिक गैस ट्रांसमिशन लाइनों को पहले विकल्प के रूप में ले रहा है क्योंकि वर्तमान में कुल 33000 किलोमीटर प्राकृतिक गैस ट्रांसमिशन पाइपलाइन नेटवर्क को अधिकृत किया गया है, जिसमें से 24000 किलोमीटर चालू हो चुकी है और बाकी निर्माणाधीन है। ये प्राकृतिक गैस पाइपलाइनें समृद्ध नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों (ग्रीन हाइड्रोजन की उच्च आपूर्ति वाले) वाले क्षेत्रों और उर्वरक संयंत्रों, रिफाइनरियों और भारी लौह एवं इस्पात उद्योगों जैसे हाइड्रोजन उपभोग केंद्रों के बीच की खाई को पाट देंगी।
पीएनजीआरबी ने "प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों और सिटी गैस वितरण नेटवर्क में हाइड्रोजन ट्रांसमिशन की संभावनाएं" विकसित करने के लिए विश्व बैंक और स्टडी पार्टनर आईसीएफ के सहयोग से पीएनजीआरबी द्वारा किए गए स्टडी की ड्राफ्ट रिपोर्ट पर चर्चा करने और इनपुट इकट्ठा करने के लिए 7 मार्च 2024 को एक मेगा-स्टेकहोल्डर्स चर्चा का आयोजन किया।
पीएनजीआरबी के अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार जैन ने मुख्य भाषण में प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों और सीजीडी नेटवर्क में हाइड्रोजन सम्मिश्रण के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि पीएनजीआरबी संबंधित बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। पीएनजीआरबी ग्रीन हाइड्रोजन के परिवहन के लिए एक वैश्विक स्तर की नियामक व्यवस्था तैयार करने की प्रक्रिया में भी है।
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