केन्‍द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने 77वीं विश्व स्वास्थ्य असेम्‍बली के पूर्ण अधिवेशन को संबोधित किया

जिनेवा में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे केन्‍द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री अपूर्व चन्‍द्रा ने आज विश्व स्वास्थ्य संगठन की 77वीं विश्व स्वास्थ्य असेम्‍बली के पूर्ण सत्र को संबोधित किया।

केन्‍द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने अपने संबोधन की शुरुआत इस वर्ष की विषय वस्‍तु, “स्वास्थ्य के लिए सभी, सभी के लिए स्वास्थ्य” और सदियों पुरानी भारतीय परंपरा वसुधैव कुटुम्बकम की समानताओं पर प्रकाश डालते हुए की, जिसका अर्थ है “पूरा विश्व एक परिवार है”। उन्होंने कहा कि इस विषय वस्‍तु के तहत, “भारत ने 1,60,000 से अधिक स्वास्थ्य और कल्याण केन्‍द्रों (आयुष्मान आरोग्य मंदिर) को चालू करके सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को बढ़ावा देने के लिए आयुष्मान भारत यानी “लिव लॉन्ग इंडिया” की शुरूआत की है।”

श्री अपूर्व चन्‍द्रा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि डब्ल्यूएचओ स्पार रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास किसी भी स्वास्थ्य आपात स्थिति का पता लगाने, उसका आकलन करने, उसकी जानकारी देने और उसका जवाब देने के लिए 86 प्रतिशत कोर क्षमता स्कोर है, जो दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र और वैश्विक औसत से अधिक है। उन्होंने कहा, “पिछले दशकों में मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) और शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) में उल्लेखनीय गिरावट दिखाते हुए, भारत एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने की राह पर है। आज, भारत विसेरल लीशमैनियासिस (वीएल) बीमारी को खत्म करने की दहलीज पर है और इसने टीबी के मामलों और मृत्यु दर को भी कम किया है।”

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