जैव प्रौद्योगिकी विभाग-जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान एवं नवाचार परिषद संस्थान (डीबीटी-आईबीआरआईसी)-टीएचएसटीआई द्वारा वैक्सीनोलॉजी में द्वितीय ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (टीएचएसटीआई) उन्नत पाठ्यक्रम (टीआईवीएसी) का आयोजन

नईदिल्ली(पीआईबी)जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान एवं नवाचार परिषद (आईबीआरआईसी, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार का एक संगठन) - ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (टीएचएसटीआई) ने 27 मई से 1 जून, 2024 तक, आईबीआरआईसी-टीएचएसटीआई फरीदाबाद परिसर में  एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन (सीईपीआई) के साथ गठबंधन में वैक्सीनोलॉजी में दूसरा टीएचएसटीआई एडवांस्ड कोर्स (टीवैक) आयोजित किया है। इस 6 दिवसीय पाठ्यक्रम का उद्देश्य टीकों के डिजाइन, विकास और व्यावसायीकरण में शामिल अवधारणाओं और विभिन्न चरणों का व्यापक रूपरेखा प्रदान करना है और यह भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्रतिभागियों के लिए खुला है।एपिडेमिक प्रिपेडनेस इनोवेशन (सीईपीआई) के सहयोग से नेपाल, श्रीलंका, कैमरून, घाना, नाइजीरिया, तंजानिया, केन्या, मिस्र और रवांडा के 10 युवा शोधकर्ता और पेशेवर दूसरे टीवीएसी में भाग ले रहे हैं। पहला टीवीएसी मई 2023 में आईबीआरआईसी- टीएचएसटीआई परिसर में आयोजित किया गया था।कोविड-19 महामारी से निपटने में अनुसंधान और विकास के केंद्र में आईबीआरआईसी-टीएचएसटीआई था। महामारी के दौरान विकसित किए जा रहे टीकों, जैसे कि कॉर्बेवैक्स, जेडवाई सीओ वीडी और कोविशील्ड के लिए आईबीआरआईसी-टीएचएसटीआई द्वारा किए गए सुरक्षा और प्रभावकारिता अध्ययन विशेष रूप से महत्वपूर्ण थे।

आईबीआरआईसी-टीएचएसटीआई ने अनुसंधान के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा स्थापित किया है और इसमें अन्य उत्पादों के अलावा टीके विकसित करने की क्षमता और सामर्थ्य है। आईबीआरआईसी-टीएचएसटीआई में आशाजनक वैक्सीन के मध्य-स्तर के उत्पादन के  तेजी से विस्तार के लिए, अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ ~1800 वर्ग फीट की सुविधा वाला एक वैक्सीन डिजाइन और विकास केंद्र (वीडीडीसी) भी स्थापित किया गया है।आईबीआरआईसी- टीएचएसटीआई के वैज्ञानिक मल्टीवेलेंट सेल्फ-असेम्बल्ड नैनोकेज प्लेटफॉर्म (एमएसएन प्लेटफॉर्म) और स्ट्रक्चर-एआई -ड्रिवेन नेटिव एंटीजन प्लेटफॉर्म जैसे आशाजनक वैक्सीन प्लेटफॉर्म पर काम कर रहे हैं। आने वाले वैक्सीन पोर्टफोलियो में एमईआरएस स्पाइक ट्रिमर, सार्स सीओवी-2 स्पाइक ट्रिमर, इन्फ्लूएंजा एचए ट्रिमर, इन्फ्लूएंजा एनए टेट्रामर्स, निपाह जी टेट्रामर्स, निपाह एफ ट्रिमर, डेंगू एनवेलप डिमर्स, चिकनगुनिया एनवेलप ट्रिमर शामिल हैं जो एचईके293 और सीएचओ सेल लाइनों में क्षणिक अभिव्यक्ति प्रणालियों का उपयोग करते हैं। एंटीजन के स्थिर उत्पादन के लिए सीएचओ सेल लाइन का विकास किया जा रहा है।इन क्षमताओं का लाभ उठाते हुए आईबीआरआईसी-टीएचएसटीआई, वैक्सीनोलॉजी में दूसरा उन्नत पाठ्यक्रम (टीवैक) आयोजित कर रहा है। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य भारतीय शिक्षाविदों और उद्योग के व्यक्तियों के संसाधन के साथ टीकों के डिजाइन, विकास और व्यावसायीकरण में शामिल अवधारणाओं और चरणों की व्यापक रूपरेखा प्रदान करना है।

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