दुनियाभर में आज International Yoga Day मनाया जा रहा है। यह दिन हर साल 21 जून को मनाया जाता है। बीते कुछ वर्षों से योग का चलन काफी ज्यादा बढ़ चुका है। देश-विदेश में इसकी बढ़ती लोकप्रियता और इसे महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के मकसद से हर साल यह दिन मनाया जाता है। इस मौके पर जानते हैं योग का हजारों वर्ष पुराना इतिहास।
योग की शुरुआत भारत में करीब 5000 साल पहले हुई थी। योग का इतिहास बेहद प्राचीन और समृद्ध है, जो भारतीय संस्कृति और परंपराओं में गहरे रूप से निहित है।
योग की उत्पत्ति का श्रेय आमतौर पर ऋषि पतंजलि को दिया जाता है, जिन्होंने योग के सिद्धांतों और अभ्यासों को "योग सूत्र" नामक ग्रंथ में संकलित किया। यह ग्रंथ योग के आठ अंगों (अष्टांग योग) का वर्णन करता है, जो आत्म-साक्षात्कार की दिशा में मार्गदर्शन करता है।
योग का प्राचीन इतिहास
सिंधु घाटी सभ्यता: योग की जड़ें सिंधु घाटी सभ्यता (3300-1900 ईसा पूर्व) तक जाती हैं। यहाँ प्राप्त कुछ पुरातात्विक अवशेष, जैसे मोहनजोदड़ो और हड़प्पा में मिली मुद्राएँ, योग की प्राचीनता की ओर संकेत करती हैं। इन मुद्राओं में ध्यानमग्न योगियों की मूर्तियाँ शामिल हैं।
वेद और उपनिषद: वेदों, विशेषकर ऋग्वेद में, योग का उल्लेख मिलता है। वेदों के बाद उपनिषदों में योग का विस्तार से वर्णन किया गया है। उपनिषदों में ध्यान, प्राणायाम, और योगासन की विधियों का वर्णन मिलता है।
महाभारत और भगवद गीता: महाभारत में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को योग के विभिन्न रूपों के बारे में उपदेश दिया, जो भगवद गीता में वर्णित है। भगवद गीता में भक्ति योग, ज्ञान योग, और कर्म योग का वर्णन है।
पतंजलि का योग सूत्र: ऋषि पतंजलि को योग का संस्थापक माना जाता है। उनके योग सूत्र में योग के अष्टांग (आठ अंग) का विस्तार से वर्णन है - यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, और समाधि। पतंजलि ने योग को एक संगठित और व्यवस्थित प्रणाली के रूप में प्रस्तुत किया।
मध्यकालीन और आधुनिक योग
मध्यकाल में हठयोग का विकास हुआ, जिसमें योगासन और शारीरिक क्रियाओं पर अधिक जोर दिया गया। हठयोग के प्रमुख ग्रंथों में स्वात्माराम द्वारा रचित "हठयोग प्रदीपिका" शामिल है। आधुनिक काल में, स्वामी विवेकानंद, परमहंस योगानंद, और बी.के.एस. अयंगार जैसे योग गुरुओं ने पश्चिमी देशों में योग का प्रचार-प्रसार किया।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया, जिसका प्रस्ताव भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में रखा था। यह दिवस विश्वभर में योग के प्रति जागरूकता और इसके लाभों को फैलाने के लिए मनाया जाता है।
योग का इतिहास भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का अभिन्न अंग है। आज, योग न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण के एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में अपनाया जा रहा है।
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