शपथ के बाद नरेंद्र मोदी का 'ग्लोबल साउथ' को पहला संदेश

 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद 'ग्लोबल साउथ' को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। शपथ ग्रहण समारोह के कुछ ही घंटों बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी में इस भव्य आयोजन में भाग लेने वाले देशों के नेताओं से मुलाकात की और क्षेत्र की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।प्रधानमंत्री ने इस मुलाकात के दौरान बताया कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर 'ग्लोबल साउथ' की आवाज को मजबूत बनाने का प्रयास करेगा। उन्होंने 'पड़ोसी पहले' नीति और 'सागर विजन' के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। इन नीतियों के तहत भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ सहयोग और साझेदारी बढ़ाने की दिशा में काम करता रहेगा।इस महत्वपूर्ण अवसर पर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे समेत कई पड़ोसी देशों के नेता उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने इन नेताओं से मुलाकात कर कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उनका धन्यवाद किया और क्षेत्र में लोगों के बीच संपर्क और कनेक्टिविटी बढ़ाने का आह्वान किया।प्रधानमंत्री मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत क्षेत्र की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए काम करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में 'ग्लोबल साउथ' की आवाज को मजबूत करेगा।इसके बाद प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी विदेशी गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद व्यक्त किया। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, जो अपनी पहली भारत यात्रा पर थे, ने भी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। यह मुलाकात भारत-मालदीव संबंधों में सुधार का संकेत है, विशेष रूप से पिछले तनावपूर्ण समय के बाद।लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 240 सीटें जीतीं और एनडीए ने कुल मिलाकर 293 सीटें प्राप्त कीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार संसद के निचले सदन में बहुमत के लिए एनडीए सहयोगियों पर निर्भर है। विपक्ष के इंडिया गुट ने भी 234 सीटों पर जीत दर्ज कर उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया।

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