केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के 100 दिनों में दूरसंचार विभाग द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों और उपलब्धियों को साझा करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।

संचार (दूरसंचार विभाग और डाक विभाग) और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) मंत्री, श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने देश भर में प्रत्येक नागरिक के लिए कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा की दूरसंचार विभाग की पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि डिजिटल और ढांचागत लिंक सर्वव्यापी हों, जिससे आवश्यक सेवाओं और अवसरों तक पहुंच आसान हो सके। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पूरे भारत में समावेशी वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने के लिए इस कनेक्टिविटी को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।श्री ज्योदिरादित्य एम. सिंधिया संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर के साथ सरकार के 100 दिनों में संचार मंत्रालय (डीओटी और डीओपी) और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) की उपलब्धियों पर मीडिया को संबोधित कर रहे थे। नई दिल्ली में सचिव (टी), सचिव (डीओपी), सचिव डोनर और मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।)

श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 'एक पेड़ मां के नाम' (ईपीकेएमएन) ऐप भी शुरू किया, जो दूरसंचार विभाग की एक अनूठी पहल है, जहां नागरिक अपनी मां के सम्मान में एक पेड़ लगा सकते हैं और पेड़ का स्थान, अक्षांश, देशांतर और टाइमस्टैम्प रिकॉर्ड कर सकते हैं। ऐप अनुमति देता है उन्हें हर 30 दिनों में एक नई छवि अपलोड करके पेड़ की वृद्धि को अपडेट करना होगा, जिससे निरंतर ट्रैकिंग की अनुमति मिलेगी। (एंड्रॉइड एप्लिकेशन https://usof.जीov.in/en/ek-ped-maa-ke-naam से डाउनलोड किया जा सकता है)

 

केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने सरकार के प्रथम 100 दिनों की संचार विभाग की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए किये गये कार्यों की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि डी ओ टी ने भारत सरकार के 100-दिन के  कार्यक्रम के हिस्से के रूप में कई प्रमुख पहलों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। उन्होंने कहा, इस अवधि के दौरान, दूरसंचार विभाग ने एक विकसित दूरसंचार ईकोसिस्टम के चार लक्ष्यों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है - समवेशित (समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाली कनेक्टिविटी), विकास (प्रदर्शन, सुधार और परिवर्तन के माध्यम से विकसित भारत), तवरित (त्वरित विकास) और त्वरित समाधान), और सुरक्षित (सुरक्षित रूप से)। 100 दिन के कार्यक्रम की प्रमुख उपलब्धियाँ है। 

समावेसित

भारत भर में 4जी कवरेज से वंचित गाँवों और स्थानों तक पहुँच

भारत भर में 4जी मोबाइल कवरेज से वंचित गाँवों तक डिजिटल भारत निधि (अर्स्ट्वाइल यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ)) द्वारा वित्तपोषित विभिन्न पहलों के अंतर्गत इस सेवा को पहुंचाया जा रहा है। ये प्रयास आकांक्षी जिलों, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र, सीमावर्ती क्षेत्रों, द्वीपों और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं। दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और बीएसएनएल) द्वारा 4जी योजना सहित विभिन्न डिजिटल भारत निधि वित्तपोषित 4जी योजनाओं के अंतर्गत कुल 7,101 4जी मोबाइल टावर चालू किए गए हैं। इन 4जी टावरों में से 2,618 टावर जून 2024 से चालू हो चुके हैं।

5जी मोबाइल नेटवर्क का विस्तार

5जी तकनीक भारत के लगभग सभी जिलों तक पहुँच चुकी है। आज भारत के 98 प्रतिशत जिलों में 5जी तकनीक मौजूद है, जिससे नागरिकों को हाईस्पीड डेटा नेटवर्क से सशक्त बनाया जा रहा है। देश भर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 5जी नेटवर्क शुरू किए जा चुके हैं और देश भर में 4.5 लाख से अधिक 5जी बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) स्थापित किए जा चुके हैं।

 

 

विकसित

6जी त्वरित अनुसंधान सहायता

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मार्च 2023 में भारत 6जी विजन की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य 2030 तक 6जी तकनीक के डिजाइन, विकास और तैनाती में अग्रणी योगदानकर्ता बनना है। भारत 6जी विजन के अनुरूप और 6जी तकनीक में भारत की प्रमुखता का समर्थन करने और दुनिया के लिए 6जी आरएन  विकसित करने के लिए, डीओटी ने शिक्षाविदों, उद्योग और आरएंडडी में लगे अन्य निकायों से प्रस्ताव आमंत्रित किए। "6जी पारिस्थितिकी तंत्र पर त्वरित अनुसंधान" के अंतर्गत अनुसंधान में तेजी लाने के लिए अब तक 111 परियोजना प्रस्तावों को वित्त पोषण के लिए संसाधित किया गया है।

100 5जी प्रयोगशालाएँ

देश के चार क्षेत्रों में समान रूप से वितरित 100 संस्थानों में स्वदेशी रूप से विकसित 5जी तकनीक वाली प्रयोगशालाएँ स्थापित की जा रही हैं। प्रयोगशालाएँ नई दूरसंचार तकनीकों में क्षमता निर्माण और शिक्षाविदों और स्टार्ट-अप के सहयोग से 5जी तकनीकों के लिए विभिन्न सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों में उपयोग के उद्देश्य से स्थापित की जा रही हैं। जून 2024 से अब तक कुल 100 प्रयोगशालाओं में से 41 स्थापित की जा चुकी हैं, जिससे कुल स्थापित प्रयोगशालाओं की संख्या 81 हो गई है।

6जी के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई)

आईआईटी मद्रास में “6जी के लिए क्लासिक और क्वांटम संचार” पर एक उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित किया गया है। टेलीकॉम सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (टीसीओई) इंडिया और विश्वेश्वरैया प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय वीटीयू) - विश्वेश्वरैया रिसर्च एंड इनोवेशन फाउंडेशन (वीआरआईएफ) के बीच क्वांटम प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित करने के लिए एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गया हैं, जो संबद्ध  5जी और 6जी प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करेगा। ये सीओई नवाचार के लिए एक केंद्र के रूप में काम करेंगे, जो उद्योग और शैक्षणिक विशेषज्ञों को एक साथ लाकर 6जी प्रौद्योगिकी के विकास और तैनाती को बढ़ावा देने और आगे बढ़ाने के लिए उन्नत दूरसंचार प्रौद्योगिकियों में अत्याधुनिक परियोजना पर सहयोग करेंगे।

दूरसंचार सुरक्षा के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई)

दूरसंचार सुरक्षा पर उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए टीसीओई इंडिया और राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) गांधीनगर के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गया हैं। समझौता ज्ञापन में दूरसंचार नेटवर्क को सुरक्षित करके राष्ट्रीय साइबरस्पेस को मजबूत करने और देश के संचार बुनियादी ढांचे की सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक भारतीय दूरसंचार नेटवर्क सुरक्षा स्टैक विकसित करने की परिकल्पना की गई है।

दूरसंचार डेटा और क्षमताओं का लाभ उठाकर क्रॉस सेक्टोरल इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग को सक्षम बनाना।

एआई संचालित अंतर्दृष्टि के साथ संगम डिजिटल ट्विन:

एआई संचालित अंतर्दृष्टि के साथ डिजिटल ट्विन इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग में क्रांति लाने की एक पहल है। यह दो-चरण की पहल नेटवर्किंग कार्यक्रमों के माध्यम से प्रतिभागियों के बीच विश्वास बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए रचनात्मक अन्वेषण चरण के साथ शुरू हुई। जुलाई 2024 में आयोजित नेटवर्किंग कार्यक्रमों के रूप में चरण-I में 150 से अधिक संगठनों और विशेषज्ञों ने भाग लिया, जो उन्नत बुनियादी ढाँचा नियोजन के लिए परिकल्पित ईकोसिस्टम को विकसित करने की इच्छा और आधारभूत क्षमता का प्रदर्शन करते हैं। संगम के चरण-II में विशिष्ट उपयोग मामलों के विकास और प्रदर्शन की योजना बनाई जा रही है।

मेट्रो रूट प्लानिंग का पीओसी:

डीओटी, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) ने गोपनीयता चुनौतियों का समाधान करते हुए मेट्रो रूट प्लानिंग के लिए समेकित दूरसंचार डेटा का उपयोग करने की व्यवहार्यता को प्रदर्शित करने के लिए सफलतापूर्वक एक प्रूफ़ ऑफ़ कॉन्सेप्ट (पीओसी) आयोजित किया है। पीओसी ने कैचमेंट क्षेत्रों की सटीक पहचान करके, आगमन समय का विश्लेषण करके, इंटरचेंज अवधि का आकलन करके, संचालन को अनुकूलित करके, मेट्रो नेटवर्क नियोजन के लिए एक मूल-गंतव्य (ओडी) मैट्रिक्स तैयार करके और चल रही परिचालन रणनीतियों में सुधार करके चल रही मेट्रो परियोजनाओं में सवारियों की समस्याओं को विकसित करने और उनसे निपटने के लिए समाधान की खोज की। प्राप्त किए गए आशाजनक परिणाम संगम डिजिटल ट्विन पहल का समर्थन करते हैं और एक महत्वपूर्ण पहला कदम दर्शाते हैं।

दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना

दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों में घरेलू विनिर्माण, निवेश और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 5 वर्षों की अवधि में 12,195 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ पीएलआई योजना शुरू की गई है। अब तक 42 पीएलआई लाभार्थी कंपनियों ने सामूहिक रूप से 3,718 करोड़ रुपये का निवेश किया और 11,506 करोड़ रुपये के निर्यात और 22,315 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार सहित 57,498 करोड़ रुपये की बिक्री हासिल की।

त्वरित

जीवन की सुगमता और व्यापार करने की सुगमता

एमएसएमई प्रमाणन सहायता योजना: दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार क्षेत्र में स्टार्टअप और सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (एमएसई) के लिए वित्तीय बोझ को कम करने के उद्देश्य से प्रतिपूर्ति योजना शुरू की है। घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने, निवेश आकर्षित करने और निर्यात बढ़ाने के उद्देश्य से, यह योजना उत्पाद की गुणवत्ता और बाजार पहुंच के लिए आवश्यक परीक्षण और प्रमाणन लागतों के लिए प्रति स्टार्टअप या एमएसई को 50 लाख रुपये तक की प्रतिपूर्ति करेगी।

सेवा की गुणवत्ता के संशोधित मानक

दूरसंचार नेटवर्क के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से, नेटवर्क उपलब्धता, कॉल ड्रॉप दरें, पैकेट ड्रॉप दरें आदि जैसे प्रमुख नेटवर्क मापदंडों के लिए बेंचमार्क धीरे-धीरे कड़े किए जाएंगे। इस संबंध में ट्राई ने अपने संशोधित नियम जारी किये। सेवा की गुणवत्ता के मानक पहुंच (वायरलाइन और वायरलेस) और ब्रॉडबैंड (वायरलाइन और वायरलेस) सेवा विनियम, 2024 (2024 का 06) की सेवा की गुणवत्ता के मानक” जारी किए हैं।

दूरसंचार अधिनियम, 2023 - नियमों का प्रवर्तन और निर्माण

वर्त्तमान कानूनों को अद्यतन करने और दूरसंचार क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान करने के लिए, केंद्र सरकार ने 24 दिसंबर 2023 को दूरसंचार अधिनियम 2023 लागू किया। यह अधिनियम औपनिवेशिक युग के भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 और भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम 1933 का स्थान लेता है। इसके प्रावधानों और नियमों के प्रवर्तन से दूरसंचार क्षेत्र का प्रभावी और आधुनिक विनियमन संभव होगा। यह स्पेक्ट्रम आवंटन और इसके इष्टतम उपयोग, प्रभावी और कुशल RoW ढांचे, राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक आपातकाल आदि के लिए स्पष्ट रूप से परिभाषित रूपरेखा प्रदान करेगा।

धारा 1(3) के अनुसार, केंद्र सरकार ने 21.06.2024 को दूरसंचार अधिनियम की धारा 1,2, 10 से 30, 42 से 44, 46, 47, 50 से 58, 61 और 62 को लागू करने के लिए राजपत्र अधिसूचना जारी की है। 26.06.2024. विभाग ने 04.07.2024 को अधिनियम की धारा 6 से 8, 48 और 59(बी) को भी 05.07.2024 से अधिसूचित किया है।

सुरक्षा संबंधी प्रावधानों के लिए मसौदा नियम सार्वजनिक परामर्श के लिए प्रकाशित किए गए हैं। वैश्विक समुद्री संकट और सुरक्षा प्रणाली को संचालित करने के लिए न्याय निर्णयन, अव्यवसायी स्टेशन ऑपरेटर और वाणिज्यिक रेडियो ऑपरेटर के दक्षता प्रमाणपत्र के लिए मसौदा नियमों पर सार्वजनिक परामर्श पूरा हो गया है। नियमों के दो सेट यानी दूरसंचार (डिजिटल भारत निधि का प्रशासन) नियम, 2024 और दूरसंचार (मार्ग का अधिकार) नियम, 2024 क्रमशः 31.08.2024 और 18.09.2024 के राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से लागू हो गए हैं।

स्पेक्ट्रम नीलामी

800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम नीलामी जून 2024 में आयोजित की गई थी। 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड में कुल 141.4 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम 11340.78 करोड़ रुपये के बाजार निर्धारित मूल्य पर बेचे गए।

सुरक्षित

डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म पर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश पुलिस को शामिल करना

डी ओ टी ने साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए वास्तविक समय के आधार पर हितधारकों के बीच दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग से संबंधित जानकारी साझा करने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (डीआईयू) परियोजना के तहत एक ऑनलाइन सुरक्षित डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म (डीआईपी)  विकसित किया है। गृह मंत्रालय (एमएचए), कानून प्रवर्तन एजेंसियां, आरबीआई, बैंक, वित्तीय संस्थान (एफआई), जीएसटीएन, यूआईडीएआई और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित विभिन्न हितधारकों को इसमें शामिल किया जा रहा है। जुलाई-अगस्त 2024 के दौरान 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की पुलिस, भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी), भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) इस मंच पर शामिल हुए हैं।

अब तक विभिन्न हितधारकों के 750 उपयोगकर्ता डीआईपी से जुड़ चुके हैं। इन हितधारकों में दूरसंचार विभाग (डीओटी), दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपी), एमएचए, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी), राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी (एनआईए), 32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस, 460 बैंक, एफआई, फिनटेक की क्षेत्रीय इकाइयां शामिल हैं। साथ ही वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू), सेबी, जीएसटीएन, आईआरसीटीसी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शामिल है। 

दूरसंचार विभाग, इन 100 दिनों की उपलब्धियों के माध्यम से भारत के दूरसंचार बुनियादी ढांचे के विस्तार और वृद्धि, निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने, डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने, नवाचार को बढ़ावा देने और देश को अधिक डिजिटल रूप से सशक्त भविष्य के लिए तैयार करने की पुष्टि करता है।

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