केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज मुंबई में मुंबई समाचार की डॉक्यूमेंट्री '200 नॉट आउट' का विमोचन किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज मुंबई में मुंबई समाचार की डॉक्यूमेंट्री '200 नॉट आउट' का विमोचन किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

 

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि किसी भी संस्था और विशेषकर एक स्थानीय अखबार को दो शताब्दी तक चलाना बहुत कठिन होता है। उन्होंने कहा कि मुंबई समाचार ने पत्रकारिता में विश्वसनीयता की एक मिसाल पैदा की है।श्री शाह ने कहा कि इतनी विश्वसनीयता को अर्जित करने के लिए बहुत कठिन तप करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि किसी आइडियोलॉजी से बिना जुड़े कोई भी राजनीतिज्ञ अच्छा काम नहीं कर सकता वहीं किसी आइडियोलॉजी से जुड़ा कोई भी अखबार अच्छा काम नहीं कर सकता और मुंबई समाचार किसी भी आइडियोलॉजी से जुड़े बिना अपने पाठकों से जुड़े रहकर उन तक सत्य पहुंचाता रहा है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि झाँसी की रानी ने जिस उद्देश्य के लिए शहादत दी, उसी उद्देश्य को सिद्ध करने वाले एक गुजराती ने 2014 में शपथ ली, इन दोनों ख़बरों को छापने वाला एकमात्र अखबार 'मुंबई समाचार' है। श्री शाह ने कहा कि 1857 की क्रांति, कांग्रेस की स्थापना, लोकमान्य बालगंगाधर तिलक जी द्वारा गणेश उत्सव की शुरूआत, गोखले-तिलक का संघर्ष और गांधी जी का टेकओवर, भारत छोड़ो आंदोलन, नमक सत्याग्रह, आज़ादी का दिन और आज़ादी के 75 साल जैसे अवसरों की रिपोर्टिंग करने वाला मुंबई समाचार एकमात्र अखबार है।

श्री अमित शाह ने कहा कि लंबे समय तक अखबार चलाना और अपने उद्देश्यों पर कायम रहते हुए अखबार चलाना बहुत कठिन काम है जो इस संस्था ने किया। उन्होंने कहा कि 1962 का भारत-चीन युद्ध, कच्छ का भूकंप, स्वतंत्रता आंदोलन, आपातकाल के खिलाफ लोगों के संघर्ष जैस देश के कई उतार-चढ़ावों में स्थितप्रज्ञ रहते हुए इस संस्था ने मुंबई समाचार को पत्रकारिता के धर्म के अनुसार चलाया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में गुजराती को जीवंत रखने और बोलचाल से जोड़ने में इस अखबार ने बहुत बड़ा योगदान दिया है। श्री शाह ने कहा कि मुंबई समाचार के सर्कुलेशन को देखने की बजाए इसके योगदान को देखना चाहिए जो सर्कुलेशन से बहुत अधिक बड़ा है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि दुनिया के सभी देशों की माइनॉरिटी को पारसी समुदाय से सीखना चाहिए। माइनॉरिटी में भी अगर कोई माइनॉरिटी है तो पारसी है। माइनॉरिटी के राइट्स के लिए झगड़ा करने वाले लोगों को पारसी समुदाय से सीखना चाहिए, जो अपने कर्तव्यों के लिए ही जीवन जीते हैं और जिन्होंने कभी कोई माँग किये बिना हर क्षेत्र में योगदान दिया है। श्री शाह ने कहा कि देश के कानून, औद्योगिक विकास, फिनटेक या आई क्षेत्र की बात हो, पारसी समुदाय इन सबमें सबसे आगे खड़ा है। उन्होंने कहा कि मुंबई समाचार के माध्यम से पत्रकारिता के क्षेत्र में कामा परिवार का ये योगदान गुजरात, गुजराती और भारत कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने कहा कि मुंबई का नाम बॉंबे से बदला गया तो अदालत में सबसे बड़ा साक्ष्य मुंबई अखबार का टाइटल था कि ये शहर मुंबई है।

श्री अमित शाह ने कहा कि भारत की भाषाएं इसकी विरासत है। दुनिया में किसी अन्य देश में इतनी बोलियां और भाषाएं नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इसीलिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति में प्राथमिक शिक्षा को मातृभाषा में अनिवार्य किया गया है। गृह मंत्री ने सब लोगों से अनुरोध करते हुए कहा कि हमें घर में अपनी भाषा में बोलना चाहिए, इससे बच्चे भाषा को आगे ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर हम अपनी भाषा से अपने आप को काट लेंगे तो हम अपनी संस्कृति से भी कट जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब तक हम बच्चों को अपनी भाषा न सिखाएँ, इसे आगे न बढ़ाएं और इसे अगली पीढ़ी को सौंप कर न जाएँ तब तक हमारा दायित्व समाप्त नहीं होता।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमारी भाषा को संभालने, संजोने, ज्यादा सार्थक व लचीला बनाने और इसकी सखी भाषाओं से हमारे शब्दकोष को समृद्ध बनाने से हमारे शब्दकोष समृद्ध बनेंगे। उन्होंने कहा कि इस विषय पर गृह मंत्रालय ने बहुत सटीकता से काम कर हिंदी शब्दकोश का विस्तार किया है। उन्होंने कहा कि 22,831 शब्दों को देशभर की स्थानीय भाषाओं से लाकर हमने हिंदी को संपूर्ण भाषा बनाने की दिशा में काम किया है। श्री शाह ने कहा कि सभी को अपनी मातृभाषा के लिए योगदान करना चाहिए।

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