केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री भूपेंद्र यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण पुरस्कार, 2024 प्रदान किया

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा की गरिमामयी उपस्थिति में 07 सितंबर, 2024 को जयपुर में अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ वायु नील गगन दिवस (स्वच्छ वायु दिवस) मनाया गया। इस कार्यक्रम में राजस्थान सरकार के वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री संजय शर्मा और राजस्थान सरकार के केंद्रीय शहरी विकास और स्थानीय स्वशासन राज्य मंत्री श्री झाबर सिंह खर्रा भी उपस्थित थे। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस वर्ष के आयोजन की मेजबानी की।

इस अवसर पर, एनसीएपी कार्यक्रम के सार, इसमें शामिल एजेंसियों के योगदान और 131 एनसीएपी शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार को दर्शाने वाला एक आकर्षक वीडियो प्रदर्शित किया गया। बताया गया कि केंद्रित कार्रवाई, संसाधनों के सम्मिश्रण और प्रभावी निगरानी ने 95 शहरों में वायु प्रदूषण में कमी के रुझान के साथ सकारात्मक परिणाम दर्शाए हैं। 51 शहरों ने आधार वर्ष 2017-18 के संबंध में पीएम10 के स्तर में 20 प्रतिशत से अधिक की कमी दिखाई है और इनमें से 21 शहरों ने 40 प्रतिशत से अधिक की कमी हासिल की है।

कार्यक्रम के दौरानव्यवहार्य प्रौद्योगिकियों और कार्य प्रणालियों पर संग्रह: एनसीएपी शहरों से सबकनामक एक दस्तावेज का विमोचन किया गया। इसमें स्थानीय संदर्भों और आवश्यकताओं के अनुरूप वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए शहरों द्वारा की गई पहलों के उदाहरण प्रदर्शित किए गए। इसके अलावा, जयपुर प्रदर्शनी और सम्मेलन केंद्र केमातृ वनमें एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत 100 पौधे भी लगाए गए।

स्वच्छ वायु सर्वेक्षण पुरस्कार श्रेणी-1 (10 लाख से अधिक जनसंख्या) के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले एनसीएपी शहरों सूरत, जबलपुर और आगरा को ; श्रेणी-2 (3 से 10 लाख के बीच की जनसंख्या) फिरोजाबाद, अमरावती और झांसी को; और श्रेणी-3 (3 लाख से कम जनसंख्या) रायबरेली, नलगोंडा और नालागढ़ को प्रदान किए गए। विजेता शहरों के नगर आयुक्तों को नकद पुरस्कार, ट्रॉफी और प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया।

 

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने विजेता शहरों को बधाई देते हुए और अन्य एनसीएपी शहरों को प्रोत्साहित करते हुए, बहु-हितधारक भागीदारी की आवश्यकता पर जोर देने के साथ-साथ, स्वच्छ वायु में निवेश को बढ़ाने और वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए साझा जिम्मेदारी को अपनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने उपस्थित लोगों को याद दिलाया कि 'प्रकृति हमें अपना सर्वश्रेष्ठ देती है और हमें भी प्रकृति को अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए।'

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