केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार कल मध्य प्रदेश के जबलपुर में 21वें दिव्य कला मेले का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। यह कार्यक्रम सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम (एनडीएफडीसी) के माध्यम से 17 अक्टूबर से 27 अक्टूबर 2024 तक आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम देश भर के दिव्यांग कारीगरों की प्रतिभा, उद्यमशीलता और शिल्प कौशल का एक भव्य उत्सव होगा।
11 दिवसीय मेले में 20 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 100 से अधिक दिव्यांग उद्यमी और कारीगर स्थानीय रूप से निर्मित उत्पादों की प्रभावशाली श्रृंखला का प्रदर्शन करने के लिए एकत्रित होंगे। इनमें घर की सजावट, हथकरघा, हस्तशिल्प, आभूषण, पैकेज्ड फूड और पर्यावरण के अनुकूल वस्तुएं शामिल होंगी, जो सभी दिव्यांग व्यक्तियों की उत्थानशीलता और रचनात्मकता प्रदर्शित करेंगी। यह कार्यक्रम वोकल फॉर लोकल पहल पर भी जोर देगा, जिसमें स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन के महत्व पर प्रकाश डाला जाएगा। मेले में दिव्यांग कलाकारों को समर्पित स्टॉल और प्रदर्शनियां होगी, जहाँ वे अपनी रचनात्मक क्षमता का प्रदर्शन करेंगे और अपने समुदाय की विशिष्ट कलात्मक अभिव्यक्तियों की झलक पेश करेंगे। ये कार्यक्रम सभी 11 दिनों तक सशक्त बाज़ार के साथ-साथ चलेंगे, जिससे आगंतुकों को दिव्यांग उद्यमियों और कलाकारों की विविध प्रतिभाओं को देखने का मौका मिलेगा। उद्यमियों के लिए एक मंच होने के अलावा, दिव्य कला मेला कई तरह के अतिरिक्त कार्यक्रम भी पेश करेगा:
• रोजगार मेला: नौकरी चाहने वाले दिव्यांगजन को संभावित नियोक्ताओं से जुड़ने में मदद करेगा और प्रतिभागियों को करियर के अवसरों और कार्यबल तक पहुँच प्रदान करेगा।
• दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के माता-पिता के लिए विशेष संवादात्मक सत्र आयोजित किए जाएंगे, जो देखभाल, सहायता नेटवर्क और शैक्षिक अवसरों के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करते हुए, समग्र विकास और कल्याण सुनिश्चित करेंगे।
• दिव्यांग कलाकारों द्वारा हर रोज सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रदर्शित किए जाएंगे, साथ ही उद्यमिता, कौशल विकास और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए तैयार की गई कार्यशालाएँ और परिसंवाद सत्र का भी आयोजन होगा।
27 अक्टूबर 2024 को ‘दिव्य कला शक्ति’ सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रमुख आकर्षण होगा, जिसमें भारत भर के दिव्यांग कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रदर्शन किए जाएँगे, जो उनकी प्रतिभा और समर्पण का परिचय देंगे। इसके अलावा, मेले में विभिन्न प्रकार के क्षेत्रीय व्यंजन पेश किए जाएँगे, जो आगंतुकों को भारत की पाक विविधता का रसास्वादन करने का मौका देंगे, जिससे एक समृद्ध सांस्कृतिक अनुभव मिलेगा। प्रतिदिन सुबह 11:00 बजे से रात 9:00 बजे तक खुला रहने वाला दिव्य कला मेला 2024 समावेशिता, प्रतिभा और सांस्कृतिक विरासत का यादगार उत्सव बनने जा रहा है।
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