प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2020-21 से 2025-26 तक के लिए प्रमुख बंदरगाहों और डॉक लेबर बोर्ड के कर्मचारियों/श्रमिकों के लिए मौजूदा उत्पादकता से जुड़ी पुरस्कार (पीएलआर) योजना में संशोधन को मंजूरी दी है।
2020-21 से 2025-26 तक लागू संशोधित पीएलआर योजना से प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरणों और डॉक लेबर बोर्ड के लगभग 20,704 कर्मचारियों को लाभ होगा। पूरी अवधि के लिए कुल वित्तीय निहितार्थ लगभग 200 करोड़ रुपये होगा।
तदनुसार, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने वर्ष 2020-21 से 2025-26 के लिए सभी प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरणों और डॉक लेबर बोर्ड के कर्मचारियों/श्रमिकों के लिए उत्पादकता से जुड़ी पुरस्कार (पीएलआर) योजना को संशोधित किया है, जिससे पीएलआर की गणना के लिए अखिल भारतीय प्रदर्शन के भार के बजाय बंदरगाह-विशिष्ट प्रदर्शन का भार बढ़ गया है। बोनस की गणना के लिए उत्पादकता से जुड़े पुरस्कार (पीएलआर) की गणना 7000 रुपये प्रति माह की वेतन सीमा की दर पर की गई है। बंदरगाह-विशिष्ट प्रदर्शन के भार को 50% से बढ़ाकर 55% और फिर 60% करके पीएलआर का भुगतान सालाना तौर पर किया जाएगा। अखिल भारतीय बंदरगाह प्रदर्शन का भार भी 2025-26 तक की अवधि में घटकर 40% हो जाएगा। यह अखिल भारतीय बंदरगाह प्रदर्शन और विशिष्ट बंदरगाह प्रदर्शन के लिए 50% के मौजूदा समान भार को प्रतिस्थापित कर रहा है। उम्मीद है कि प्रस्तावित संशोधन से प्रमुख बंदरगाहों के बीच प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ दक्षता में भी वृद्धि होगी।
यह पीएलआर योजना बेहतर उत्पादकता को प्रोत्साहित करने के अलावा पत्तन क्षेत्र में बेहतर औद्योगिक संबंध और अनुकूल कार्य वातावरण को बढ़ावा देगी।
उत्पादकता से जुड़ा पुरस्कार (पीएलआर) प्रमुख बंदरगाह ट्रस्टों और डॉक लेबर बोर्ड के कर्मचारियों/श्रमिकों के लिए एक मौजूदा योजना है, जिसमें प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरणों के प्रबंधन और श्रम संघों के बीच हुए समझौते के आधार पर कर्मचारियों/श्रमिकों को वार्षिक आधार पर वित्तीय पुरस्कार दिए जाते हैं।
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