कनेक्टिविटी और समावेशिता पर केंद्रित आईटीयू केलिडोस्कोप-2024 का समापन


आईटीयू-डब्ल्यूटीएसए 2024 में आयोजित तीन दिवसीय आईटीयू केलिडोस्कोप-2024 का कल समापन हुआ। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य डिजिटल विभाजन को पाटना और यह पता लगाना था कि उभरती हुई प्रौद्योगिकियां किस प्रकार वंचित आबादी को जोड़ सकती हैं। इस दिन मानकीकरण में युवाओं की भूमिका पर आकर्षक चर्चाएं भी हुईं, जिसमें छात्रों और युवा पेशेवरों ने वैश्विक मानकीकरण के प्रयासों में अगली पीढ़ी को शामिल करने के तरीके पर अपने दृष्टिकोण साझा किए।

भारत सरकार के दूरसंचार विभाग के डिजिटल संचार आयोग के सदस्य (सेवा) श्री रोहित शर्मा ने क्वांटम कंप्यूटिंग के खतरों का सामना कैसे करें और इसके मानकीकरण की प्रवृत्ति: क्वांटम कुंजी वितरण और पोस्ट क्वांटम क्रिप्टोग्राफीविषय पर सत्र की अध्यक्षता की। आईटीयू-टी स्टडी ग्रुप 17 के अध्यक्ष प्रो. ह्युंग यूल यूम ने मुख्य सत्र में क्वांटम कंप्यूटिंग द्वारा साइबर सुरक्षा में उत्पन्न चुनौतियों पर प्रकाश डाला, तथा पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी में मानकीकरण की आवश्यकता पर बल दिया।

 

 

दूरसंचार विभाग के सदस्य (सेवा) श्री रोहित शर्मा ने अपने आरंभिक भाषण में कहा, "एक ऐसे समय में जब हम डिजिटल युग की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, क्वांटम कंप्यूटिंग का उदय अपार अवसर और महत्वपूर्ण जोखिम दोनों प्रस्तुत करता है। यह तकनीक क्रिप्टोग्राफी और सुरक्षित संचार जैसे क्षेत्रों में क्रांति लाने की क्षमता रखती है और यह नई चुनौतियां भी प्रस्तुत करती है, जिनका वैश्विक स्तर पर समाधान किया जाना चाहिए। क्वांटम कुंजी वितरण (क्यूकेडी) का मानकीकरण और पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी का विकास इस तकनीकी बदलाव की तैयारी में आवश्यक कदम हैं। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सहयोग हमारे संचार प्रणालियों को भविष्य के लिए और भी सुरक्षित बनाएगा।"

 

तीसरे दिन का पहला पैनल, जिसका शीर्षक - "शेष 3 बिलियन को जोड़ना" था। यह विषय वैश्विक डिजिटल विभाजन को समाप्त करने के महत्वपूर्ण मुद्दे पर केंद्रित था। किंग अब्दुल्ला यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, सऊदी अरब के प्रो. मोहम्मद-स्लिम अलौनी द्वारा संचालित, इस सत्र में एली जू, मार्केटिंग और पॉलिसी लीड - तारा एट एक्स और सत्य एन. गुप्ता, आईटीयू-एपीटी फाउंडेशन ऑफ इंडिया के महासचिव शामिल थे। सत्य एन गुप्ता ने पीएम-वाणी (प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस) प्रस्तुत किया, जो भारत में एक सफल पहल है जो ग्रामीण समुदायों को सस्ती इंटरनेट पहुंच प्रदान करने के लिए सार्वजनिक वाई-फाई का लाभ उठाती है। उनके भाषण ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे ऐसे स्केलेबल मॉडल को डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने और डिजिटल विभाजन को पाटने के लिए वैश्विक स्तर पर अपनाया जा सकता है।

Post a Comment

أحدث أقدم

प्रेस विज्ञप्ति व विज्ञापन के लिये ,हमें ईमेल करे editordharasakshi@gmail.com