नईदिल्ली (पीआईबी)रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 24 अक्टूबर 2024 को नई दिल्ली में चाणक्य रक्षा संवाद के दौरान मुख्य भाषण देते हुए कहा कि एलएसी के कुछ क्षेत्रों में अपने मतभेदों को हल करने के लिए भारत और चीन द्वारा हासिल की गई व्यापक सहमति इस बात का प्रमाण है कि निरंतर बातचीत समाधान लाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देश राजनयिक और सैन्य स्तर पर बातचीत में शामिल हैं और समान और पारस्परिक सुरक्षा के सिद्धांतों के आधार पर जमीनी स्थिति को बहाल करने के लिए व्यापक सहमति हासिल की गई है। उन्होंने कहा, यह निरंतर संवाद में शामिल रहने की शक्ति है।
भारत के विकास और सुरक्षा की दृष्टि विषय पर अपने विचार साझा करते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा कि विकास और सुरक्षा को अक्सर अलग दृष्टिकोण से देखा जाता है, लेकिन वास्तव में ये गहरे रूप से आपस में जुड़े हुए और एक-दूसरे को मजबूत करने वाले हैं। ऐतिहासिक रूप से, भूमि, श्रम, पूंजी और उद्यमिता जैसे आर्थिक विकास के प्रमुख कारकों का अध्ययन आर्थिक विश्लेषण का केंद्रीय हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा कि रक्षा और सुरक्षा के प्रभाव का पारंपरिक रूप से अध्ययन नहीं किया गया है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि सुरक्षा को अक्सर एक आवश्यक लेकिन गैर-आर्थिक कारक के रूप में देखा जाता है। रक्षा खर्च, सैन्य बुनियादी ढांचा और राष्ट्रीय सुरक्षा आर्थिक विकास और संसाधन आवंटन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं, यहां तक कि गैर-युद्ध अवधि या शांतिकाल में भी।श्री राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी देश के बजट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सुरक्षा के लिए समर्पित है, यह क्षेत्र स्वयं रोजगार सृजन, तकनीकी प्रगति और बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से महत्वपूर्ण आर्थिक योगदान देता है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के ‘विकास और सुरक्षा’ के बीच अंतर को पाटने के संकल्प को दोहराया और इस बात पर जोर दिया कि आर्थिक विकास तभी फल-फूल सकता है जब राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों को गिनाते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास की दृष्टि सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने और उन क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने पर आधारित है। उन्होंने कहा यह बदले में आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करता है।
श्री राजनाथ सिंह ने यह भी बताया कि स्वदेशी हथियार और उपकरणों का निर्माण न केवल सुरक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करता है, बल्कि रोजगार के अवसर पैदा करता है और विशेषज्ञता को बढ़ावा देता है, जिससे तकनीकी नवाचार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा, घरेलू उत्पादन आय सृजन को बढ़ावा देता है और आपूर्ति श्रृंखलाओं के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करता है, जिससे पूरे अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाने वाला एक व्यापक प्रभाव उत्पन्न होता है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के नाम पर की जाने वाली पहलें अक्सर व्यापक राष्ट्रीय विकास के लिए शक्तिशाली उत्प्रेरक का काम करती हैं।
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