सीएक्यूएम उप-समिति ने दिल्ली के एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के 234 पर 'खराब' श्रेणी में पहुँचने पर पूरे एनसीआर में स्टेज-I जीआरएपी 27-सूत्रीय कार्य योजना को सर्वसम्मति से लागू किया

 केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी किए गए दैनिक एक्यूआई बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली का दैनिक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 234 दर्ज किया गया। दिल्ली की औसत/समग्र वायु गुणवत्ता 201-300 के बीच 'खराब' वायु गुणवत्ता श्रेणी में दर्ज की गई है, जिसके मद्देनजर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत कार्रवाइयों को लागू करने के लिए गठित उप-समिति ने आज दिल्ली-एनसीआर की वर्तमान वायु गुणवत्ता का जायजा लेने के लिए बैठक की। क्षेत्र में वायु गुणवत्ता स्थिति और साथ ही आईएमडी/आईआईटीएम द्वारा उपलब्ध कराए गए वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान की व्यापक समीक्षा करते हुए, यह देखा गया कि पिछले 24 घंटों में क्षेत्र में वायु गुणवत्ता मापदंडों में खासी गिरावट आई है जिसके कारण दिल्ली के लिए एक्यूआई "खराब" श्रेणी में चला गया और पूर्वानुमानों में भी अनुमान लगाया गया है कि वायु गुणवत्ता आने वाले दिनों में प्रमुख तौर पर "खराब" श्रेणी में रहेगी जो प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण है। इसलिए, उप-समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जीआरएपी - 'खराब' वायु गुणवत्ता (दिल्ली एक्यूआई 201-300 के बीच) के चरण-I के तहत परिकल्पित सभी कार्रवाइयां, एनसीआर में 15.10.2024 को सुबह 8:00 बजे से सभी संबंधित एजेंसियों द्वारा पूरी गंभीरता से लागू की जाएं।

जीआरएपी पर उप-समिति के सर्वसम्मति से लिए गए फैसले के मुताबिक, जीआरएपी के चरण-I में शामिल की गईं सभी 27 कार्रवाइयां - 'खराब' वायु गुणवत्ता (दिल्ली एक्यूआई 201-300 के बीच), पूरे एनसीआर में 15.10.2024 को सुबह 8:00 बजे से सभी संबंधित एजेंसियों द्वारा पूरी गंभीरता से लागू की जाएंगी। जीआरएपी के तहत उपायों को लागू करने के लिए जिम्मेदार विभिन्न एजेंसियां, जिनमें एनसीआर राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) शामिल हैं, को इस अवधि के दौरान जीआरएपी के तहत चरण-I के कार्यों के सख्त क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।

इसके अलावा, उप-समिति एनसीआर के नागरिकों से जीआरएपी को लागू करने में सहयोग करने और जीआरएपी के चरण-I के नागरिक चार्टर में उल्लिखित चरणों का पालन करने का भी आग्रह करती है, जो इस प्रकार हैं:

  • अपने वाहनों के इंजन को ठीक से ट्यून रखें।
  • वाहन में टायर का सही दबाव बनाए रखें।
  • अपने वाहनों के पीयूसी प्रमाण पत्र अप-टू-डेट रखें।
  • अपने वाहन को बेकार न चलाएं, लाल बत्ती पर इंजन भी बंद कर दें।
  • वाहन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हाइब्रिड वाहनों या ईवी को प्राथमिकता दें।
  • खुले स्थानों पर कूड़ा / कचरा न फेंके / निपटाएं।
  • ग्रीन दिल्ली ऐप, 311 ऐप, समीर ऐप आदि के माध्यम से वायु प्रदूषणकारी गतिविधियों की रिपोर्ट करें।
  • अधिक पेड़ लगाएं।
  • पर्यावरण के अनुकूल तरीके से त्योहार मनाएं - पटाखों से बचें।
  • 10/15 साल पुराने डीजल/पेट्रोल वाहनों को न चलाएं/ संचालित न करें।

 

जीआरएपी के चरण-I के अनुसार 27-सूत्रीय कार्य योजना पूरे एनसीआर में 15.10.2024 (कल) सुबह 8:00 बजे से लागू  किए जाएंगे। इस 27-सूत्रीय कार्य योजना में एनसीआर राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और डीपीसीसी सहित विभिन्न एजेंसियों द्वारा लागू/सुनिश्चित किए जाने वाले कदम शामिल हैं। जीआरएपी का विस्तृत कार्यक्रम आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है और इसे https://caqm.nic.in पर जाकर देखा जा सकता है।

ये कदम इस प्रकार हैं:

  1. निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) गतिविधियों में धूल कम करने के उपायों और (सी एंड डी) कचरे के समुचित पर्यावरणीय प्रबंधन के संबंध में निर्देशों/नियमों/दिशानिर्देशों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करें।
  2. दिनांक 11.06.2021 को जारी निर्देश संख्या 11-18 का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें और ऐसी परियोजनाओं के संबंध में सी एंड डी  गतिविधियों की अनुमति न दें जिनका प्लॉट आकार 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक है जो संबंधित राज्य/जीएनसीटीडी के ‘वेब पोर्टल’ पर पंजीकृत नहीं हैं और/या जो धूल कम करने के उपायों की दूरस्थ निगरानी के लिए उपरोक्त उल्लिखित वैधानिक निर्देशों के अनुसार अन्य आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं।
  3. म्युनिसिपल ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्लू), निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) अपशिष्ट और खतरनाक अपशिष्ट वाली डंप साइटों से नियमित रूप से उठाया जाना सुनिश्चित करें और यह सुनिश्चित करें कि खुले भूमि क्षेत्रों में अवैध रूप से कोई भी कचरा न डाला जाए।
  4. सड़कों पर नियमित अवधि पर झाड़ू लगाना और पानी का छिड़कावा किया जाए और साइटों व लैंडफिल में इक्ट्ठा धूल का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
  5. सुनिश्चित करें कि सी एंड डी सामाग्री व कचरे को परिसर में ढककर ढंग से स्टोर/ संभाला जाए। सी एंड डी सामाग्री व सी एंड डी कचरे की छुलाई कवर्ड गाड़ियों में किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
  6. परियोजना के समूचे निर्माण क्षेत्र के अनुपात में सी एंड डी साइटों पर एंटी स्मॉग गन के प्रयोग के दौरान वैधानिक निर्देशों व नियमों को सख्ती से लागू किया जाए  
  7. सड़क निर्माण/ चौड़ीकरण/ मरम्मत परियोजनाओं और रखरखाव गतिविधियों में स्मॉग गन, पानी छिड़काव और धूल को दबाने के उपायों के उपयोग को तीव्र करें।
  8. जैव-मास और नगरपालिका ठोस अपशिष्ट के खुले में जलाने पर कड़ाई से प्रतिबंध लागू करें। माननीय एनजीटी के दिनांक 04.12.2014 और 28.04.2015 के ओए 21/2014 के आदेशों के अनुसार उल्लंघन पर अधिकतम ईसी लगाएं।
  9. कचरा निपटान स्थलों/ डंपिंग साइटों में कोई भी जलाने की घटना न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहें।
  10. भारी यातायात वाले सभी पहचाने गए कारीडोर और भीड़भाड़ वाले चौराहों पर सुचारू यातायात प्रवाह के लिए यातायात पुलिस तैनात करें।
  11. वाहनों के लिए पीयूसी मानदंडों का सख्ती से पालन और प्रवर्तन।
  12. दिखायी पड़ने वाले इमिशन्स को कतई बर्दाश्त न करें – साफ तौर पर प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को जब्त करके और/ या अधिकतम दंड लगाकर रोकें।
  13. इस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के जरिए दिल्ली गंतव्य न होने वाले ट्रकों के यातायात को मोड़ने पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को सख्ती से लागू करें।
  14. पुरानी डीजल/ पेट्रोल वाहनों पर माननीय एनजीटी/ माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और मौजूदा क़ानूनों के अनुसार सख्ती से लागू करें।
  15. नियमों का पालन न करने वाली और अवैध औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ सख्त दंडात्मक/ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करें।
  16. उद्योगों, ईंट भट्टों और हॉट मिक्स प्लांट आदि में सभी प्रदूषण नियंत्रण नियमों को सख्ती से लागू करें - उत्सर्जन के निर्धारित मानकों का सख्त पालन।
  17. यह सुनिश्चित करें कि एनसीआर में उद्योगों द्वारा, जिसमें ईंट भट्टे और हॉट मिक्स प्लांट भी शामिल हैं, केवल स्वीकृत ईंधन का उपयोग किया जाए और किसी भी उल्लंघन के मामले में बंद कर दिया जाए।
  18. थर्मल पावर प्लांटों में उत्सर्जन मानदंडों को सख्ती से लागू करें और गैर-अनुपालन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
  19. पटाखों पर प्रतिबंध के संबंध में माननीय न्यायालयों/ न्यायाधिकरणों के आदेशों को सख्ती से लागू करें।
  20. औद्योगिक और गैर-विकास क्षेत्रों से औद्योगिक कचरे का नियमित उठाव और उचित निपटान सुनिश्चित करें।
  21. विद्युत वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) एनसीआर में बिजली आपूर्ति में व्यवधान को कम करें।
  22. सुनिश्चित करें कि डीजल जनरेटर सेट का उपयोग बिजली आपूर्ति के नियमित स्रोत के रूप में नहीं किया जाए।
  23. होटलों, रेस्तरां और खुले खाने की जगहों में तंदूरों में ईंधन के रूप में कोयला/ लकड़ी पर मौजूदा प्रतिबंध को सख्ती से लागू करें।
  24. सुनिश्चित करें कि होटल, रेस्तरां और खुले खाने की जगहो पर केवल बिजली/ गैस आधारित/ स्वच्छ ईंधन आधारित उपकरणों का उपयोग किया जाए।
  25. सूचना प्रसार, जिसमें सोशल मीडिया और बल्क एसएमएस आदि शामिल हैं। लोगों को प्रदूषण के स्तर, नियंत्रण कक्ष के संपर्क विवरण के बारे में सूचित करने, उन्हें प्रदूषणकारी गतिविधियों/ स्रोतों की सूचना संबंधित अधिकारियों को देने और उन्हें सरकार द्वारा की जाने वाली कार्रवाइयों के बारे में सूचित करने के लिए मोबाइल ऐप का उपयोग किया जाना चाहिए।
  26. प्रदूषणकारी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए 311 ऐप, ग्रीन दिल्ली ऐप, समीर ऐप और ऐसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर शिकायतों के निवारण के लिए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें।
  27. कार्यालयों को सड़क पर यातायात कम करने के लिए कर्मचारियों के लिए एकीकृत यात्रा शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करें।

आयोग स्थिति पर नज़र रखेगा और आने वाले दिनों में नियमित रूप से वायु गुणवत्ता की हालात की समीक्षा करेगा। जीआरएपी का विस्तृत कार्यक्रम आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है और इसे https://caqm.nic.in पर जाकर देखा जा सकता है।

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