केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज नई दिल्ली में रेल भवन में मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) द्वारा अनुमोदित दो प्रमुख रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। दोनों परियोजनाएं बिहार और आंध्र प्रदेश में रेल कनेक्टिविटी को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देंगी।
परियोजना के विवरण और मिथिलांचल क्षेत्र को इससे होने वाले लाभ तथा पूर्वोत्तर और नेपाल से कनेक्टिविटी पर चर्चा करते हुए, रेल मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पहली परियोजना में नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंडों में कुल 256 किलोमीटर का दोहरीकरण शामिल है। यह रणनीतिक परियोजना नेपाल, पूर्वोत्तर भारत और सीमावर्ती क्षेत्रों से कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी, जिससे यात्री रेलगाड़ियों और मालगाड़ियों दोनों की आवाजाही में सुविधा होगी और इस क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि इस परियोजना से 46 स्टेशनों को लाभ होगा और इसमें 310 पुलों का निर्माण शामिल है, जिनमें 3 बड़े पुल, 99 मध्यम पुल और 208 छोटे पुल शामिल हैं। बागमती नदी पर एक नया पुल भी योजना का हिस्सा है, जो उत्तर बिहार और मिथिलांचल क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी में काफी सुधार करेगा। इससे पूर्वोत्तर की ओर परिवहन सुगम होगा और धार्मिक गलियारे के विकास में योगदान मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस पहल से क्षमता में 2.25 गुना वृद्धि होगी। इसमें कवच तकनीक की स्थापना भी शामिल है, जो परिचालन दक्षता और सुरक्षा को बढ़ाती है। इस परियोजना के पांच साल के भीतर पूरा होने की उम्मीद है, जो कनेक्टिविटी में सुधार और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
रेल भवन में तेलुगु मीडिया को संबोधित करते हुए, रेल मंत्री ने अमरावती होते हुए एर्रुपलेम और नंबुरु के बीच 57 किलोमीटर की नई रेल लाइन के महत्व पर प्रकाश डाला, जिसमें अनुमानित 2245 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में कृष्णा नदी पर 3.2 किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण शामिल है, जो हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों के बीच कनेक्टिविटी में काफी सुधार करेगा।
नई रेल लाइन आंध्र प्रदेश के एनटीआर विजयवाड़ा और गुंटूर जिलों और तेलंगाना के खम्मम जिले से होकर गुजरेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह परियोजना आंध्र प्रदेश की प्रस्तावित राजधानी अमरावती को सीधी रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे उद्योग जगत और स्थानीय आबादी दोनों के लिए आवागमन में सुधार होगा। इससे भारतीय रेल की परिचालन दक्षता और सेवा से जुड़ी विश्वसनीयता बढ़ेगी, आर्थिक विकास और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।
मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे के आधुनिकीकरण पर सरकार का ध्यान अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने से प्रेरित है। डिजाइन की सटीकता बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक और उपग्रह डेटा का उपयोग करके, सरकार पारंपरिक टोपोशीट विधियों से आगे बढ़ रही है। यह बदलाव खासकर बाढ़-ग्रस्त क्षेत्रों में बेहतर योजना और निष्पादन सुनिश्चित करता है, जहां सटीक डेटा एक सशक्त रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए महत्वपूर्ण है। नए रेलवे ट्रैक को अनावश्यक वक्रता को हटाकर और कवच तकनीक लगाकर सुरक्षा एवं परिचालन संबंधी दक्षता बढ़ाने के लिए सेमी-हाई-स्पीड ट्रैक (160 किलोमीटर प्रति घंटा तक) के रूप में विकसित किया जाएगा।
आगामी दीपावली और छठ त्योहारों के मद्देनजर, मंत्री ने यात्री यातायात में उल्लेखनीय वृद्धि को समायोजित करने के लिए 7,000 से अधिक विशेष ट्रेनों के संचालन के लिए भारतीय रेल के प्रयासों की सराहना की। भारतीय रेल 1 अक्टूबर से 30 नवंबर, 2024 तक त्योहारी सीजन के दौरान 1 करोड़ से अधिक यात्रियों को ले जाने के लिए तैयार है। इसके लिए 7,000 से अधिक पूजा/दिवाली/छठ स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी, जो पिछले साल संचालित 4,429 ट्रेनों से 60 प्रतिशत अधिक है। ये स्पेशल ट्रेनें महाराष्ट्र और झारखंड के लिए चुनाव स्पेशल ट्रेनों के अलावा चलाई जा रही हैं।
नहाए-खाए, खरना, शाम का अर्घ्य, और सुबह का अर्घ्य
रेल मंत्री ने यह भी कहा कि दिवाली के लिए, प्रतिदिन 136 अतिरिक्त ट्रेनें
निर्धारित की गई हैं, जिसमें विभिन्न स्टेशनों पर अतिरिक्त होल्डिंग
एरिया, अतिरिक्त टिकट काउंटर, खानपान संबंधी सुविधाएं, पेयजल सुविधाएं और
बढ़ी हुई सुरक्षा सहित विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। इसी तरह, छठ पूजा के
लिए 2, 3 और 4 नवंबर, 2024 को 145 अतिरिक्त विशेष ट्रेनें चलेंगी, जो 5 से 8 नवंबर, 2024 को नहाए-खाए, खरना, शाम का अर्घ्य और सुबह का अर्घ्य
जैसे प्रमुख अनुष्ठान के दौरान सुगम यात्रा सुनिश्चित करेंगी। भारतीय रेल
इन त्योहारों के दौरान लाखों भक्तों के लिए निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करते
हुए प्रतिदिन अतिरिक्त 2 लाख यात्रियों की आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगी।
रेल मंत्री ने रेल परियोजनाओं के पर्यावरणीय और आर्थिक लाभों पर जोर देते हुए कहा कि रेलवे, पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा-कुशल परिवहन के साधन के रूप में, रसद लागत को महत्वपूर्ण रूप से कम करते हुए देश के जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ये परियोजनाएं कार्बन डाइऑक्साइड गैस के उत्सर्जन में 168 करोड़ किलोग्राम कमी लाने में योगदान देंगी, जो 7 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। इसके अतिरिक्त, ये परियोजनाएं लगभग 106 लाख दिनों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न करेंगी। इससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। यह हरित और प्रभावी इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से सतत विकास और आर्थिक वृद्धि के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को चिन्हित करता है।
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