केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग तथा कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए देश में ग्राम पंचायतों के लिए मौसम पूर्वानुमान पहल का शुभारंभ और प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित किया। एक प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने लगभग 2.6 लाख पंचायतों को समय पर और स्थानीय मौसम की जानकारी प्रदान करने के महत्व पर बल दिया, जिससे देश के किसानों को सीधे समर्थन प्राप्त हो सके।
यह पहल, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भारत सरकार की व्यापक प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो अभिनव मौसम ग्राम मंच का उपयोग करता है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा विकसित, मौसम ग्राम सटीक मौसम पूर्वानुमान प्रदान करता है, अगले 36 घंटों के लिए प्रति घंटा अपडेट और व्यापक 10-दिवसीय पूर्वानुमान प्रदान करता है। ये अपडेट तापमान, वर्षा, आर्द्रता, हवा और बादल की स्थिति जैसे महत्वपूर्ण मापदंडों को कवर करते हैं, ये आवश्यक डेटा हैं जो किसानों को बुवाई, कटाई और सिंचाई के बारे में निर्णय लेने के लिए जानकारी प्रदान करते हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह तकनीक मौसम के पूर्वानुमान को पंचायत स्तर पर कभी भी और कहीं भी सुलभ बनाने में सक्षम होगी, जिससे किसानों और ग्रामीण नागरिकों के जीवन में बहुत सुधार होगा। उन्होंने कहा, "यह पहल सुनिश्चित करेगी कि किसानों और आम नागरिकों को समय पर अपडेट मिले, जिससे उन्हें उत्पादकता और सुरक्षा दोनों में सुधार के लिए सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी।"
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), जो 1945 से किसानों की सेवा कर रहा है, ने अपनी सेवाओं में लगातार प्रगति की है, जिसमें कृषि सलाहकार सेवा (एएएस) और ग्रामीण कृषि मौसम सेवा (जीकेएमएस) जैसी उल्लेखनीय पहल शुरू की है। एएएस वर्तमान में 2.8 करोड़ से अधिक किसानों को फसल-विशिष्ट परामर्श प्रदान करता है, जिसे मेघदूत ऐप और व्हाट्सएप समूहों जैसे विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। मौसम ग्राम मंच इस आधार पर आगे बढ़ता है, पिनकोड या ग्राम पंचायत के नामों के आधार पर पूर्वानुमान देता है।
इसके अलावा, डॉ. जितेंद्र सिंह ने मौसम विभाग की तकनीकी प्रगति की प्रशंसा की और पिछले दशक में पूर्वानुमान सटीकता में उल्लेखनीय 40 प्रतिशत सुधार का उल्लेख किया। गंभीर मौसम की चेतावनी के लिए समय सीमा भी बढ़ाकर सात दिन कर दी गई है, जिससे चक्रवात और हीटवेव जैसी चरम मौसम की घटनाओं से जुड़े जोखिमों में बहुत कमी आई है।
मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा हाल ही में शुरू किया गया 'मिशन मौसम' वैश्विक मानकों को पूरा करेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने 2,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ मिशन मौसम शुरू किया है। इस महत्वाकांक्षी पहल का उद्देश्य अवलोकन प्रणालियों को बढ़ावा देना, रडार नेटवर्क का विस्तार करना और सार्वजनिक पहुंच में सुधार करना- जलवायु संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए भारत की क्षमता को मजबूत करना है।
मंत्री के अनुसार, वैश्विक मानकों को पूरा करने के लिए मोदी सरकार 3.0 द्वारा 'मिशन मौसम' शुरू किया गया।
इस कार्यक्रम ने वैश्विक जलवायु लचीलापन में भारत की भूमिका को भी रेखांकित किया। आईएमडी, संयुक्त राष्ट्र की सभी के लिए प्रारंभिक चेतावनी पहल के भाग के रूप में पांच विकासशील देशों के लिए एक सहकर्मी सलाहकार के रूप में कार्य कर रहा है, जो वैश्विक पूर्व चेतावनी प्रणालियों को बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
अंत में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस अभूतपूर्व पहल को शुरू करने में आईएमडी, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय एवं पंचायती राज मंत्रालय के सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना की, जो पूरे देश के लाखों किसानों और ग्रामीण समुदायों को लाभान्वित करने की कोशिश करता है। जैसे-जैसे मौसम का पूर्वानुमान ज्यादा सुलभ हो रहा है, यह अभिनव कदम कृषि पद्धतियों को बदलने के लिए तैयार है, यह सुनिश्चित करते हुए कि भारत के किसान उन सूचनाओं से सुसज्जित हैं जिनकी उन्हें आवश्यकता है।
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