केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए महीने भर तक चलीं पहलों का प्रदर्शन करते हुए ग्रैंड फिनाले 'समागम' का सफलतापूर्वक समापन किया

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (एमओएसजेई) ने  नई दिल्ली में ग्रैंड फिनाले 'समागम' की सफलतापूर्वक मेज़बानी की। यह आयोजन देश भर में वरिष्ठ नागरिकों की गरिमा, सम्मान और सुरक्षा को बढ़ाने के मकसद से महीने भर चलने वाली गतिविधियों और पहलों की एक व्यापक श्रृंखला के समापन को दर्शाता है। इस अवसर पर, अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 2024 के उत्सव के दौरान की गई महीने भर की सभी गतिविधियों को शामिल करते हुए एक लघु फिल्म भी दिखाई गई।इस कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री (एसजेई), श्री रामदास अठावले और श्री बी.एल. वर्मा सहित प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस मौके पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पॉल शामिल थे, जिनकी मौजूदगी ने वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता दर्शाया।

 

श्री रामदास अठावले ने वरिष्ठ नागरिकों के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण पर ज़ोर देते हुए सभा को संबोधित किया। उन्होंने खास तौर पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बुजुर्ग समुदायों के साथ सीधे जुड़ाव के ज़रिए, सरकारी नीतियों और जमीनी कार्यान्वयन के बीच अंतर को खत्म करने के मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने वित्तीय सुरक्षा और स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने वाली योजनाओं के महत्व को दोहराया तथा इस बात पर जोर दिया, कि एक राष्ट्र तभी तरक्की कर सकता है, जब बुजुर्गों की देखभाल की जाए और उन्हें अहमियत दी जाए।

अपने मुख्य भाषण में श्री बी.एल. वर्मा ने राष्ट्र के मूल्यों और विरासत को आकार देने में वरिष्ठ नागरिकों की अहम भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का मिशन एक समावेशी समाज बनाना है, जहां वरिष्ठ नागरिकों को न केवल समर्थन दिया जाए, बल्कि उनके साथ खुशियां बांटी जाएं। श्री वर्मा ने पिछले महीने की प्रमुख उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें स्वास्थ्य शिविरों, पेंशन योजनाओं, बुजुर्ग श्रमिकों के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों और पीढ़ियों के बीच एकजुटता को बढ़ावा देने के मकसद से जागरूकता अभियानों के ज़रिए बढ़ती पहुंच शामिल है। उन्होंने विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और हितधारकों के बीच सहयोग की भी सराहना की, जिसके वजह से महीने भर चलने वाले उत्सव को शानदार सफलता मिल सकी।

डॉ. विनोद कुमार पॉल ने भारत की वृद्ध जनसंख्या की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए नीति डिजाइन और सेवा वितरण में लगातार नवाचारों की ज़रुरत पर प्रकाश डाला। उन्होंने सरकार की भविष्य की योजनाओं के बारे में बात की, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों के लिए तैयार किए गए डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों का विस्तार, वृद्धावस्था स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को बढ़ाना और आयु-अनुकूल सार्वजनिक स्थानों को ज्यादा संख्या में बनाना शामिल है। उनके संबोधन में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व और बुजुर्गों के बीच अकेलेपन और अलगाव से निपटने की ज़रुरत पर भी चर्चा हुई।

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के उत्सव के एक हिस्से के रूप में, अक्टूबर महीने के दौरान कई तरह की गतिविधियाँ आयोजित की गईं।

  • 1 अक्टूबर को केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने वायु सेना बाल भारती स्कूल, लोदी रोड, नई दिल्ली में एक शपथ ग्रहण समारोह की अध्यक्षता की। इसके बाद एक वॉकेथॉन का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने अपने दादा-दादी के साथ भाग लिया। देश भर में 51 अलग-अलग स्थानों पर राष्ट्रीय वयोश्री शिविर आयोजित किए गए, जिनका मकसद वरिष्ठ नागरिकों को सहायक उपकरण प्रदान करने तथा उनके संपूर्ण कल्याण के लिए उनकी गतिशीलता बढ़ाना था।

(प्रेस विज्ञप्ति: https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2060836)

  • 17 अक्टूबर को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल डिफेंस (एनआईएसडी) से 'एजिंग विद डिग्निटी' विषय पर एक टॉक सीरीज़ को हरी झंडी दिखाई गई। आईएफएस तथा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के पूर्व सदस्य डॉ. ज्ञानेश्वर मनोहर मुले और  दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) के सदस्य सचिव श्री राजीव बंसल प्रमुख वक्ता थे।
  • 24 अक्टूबर को डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में 'ग्रेसफुल एजिंग: लाइफ बिगिन्स एट 60' का जश्न मनाते हुए एक मेगा सांस्कृतिक कार्यक्रम 'आराधना' का आयोजन किया गया। इसमें 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के कलाकारों द्वारा प्रदर्शन किया गया, जिसमें उम्रदराज़ होने पर भी सक्रिय ज़िंदगी जीना, उम्र बढ़ने, गुरु शिष्य परंपरा, पीढ़ियों के बीच एकजुटता, देखभाल और सम्मान के भारतीय पारंपरिक मूल्यों पर रोशनी डाली गई। इस कार्यक्रम के दर्शकों, जिनमें वरिष्ठ नागरिक, सरकारी अधिकारी और अन्य प्रतिनिधि शामिल थे, सभी ने बुजुर्गों के लिए अधिक समावेशी समाज बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में इन पहलों की सराहना की।(प्रेस विज्ञप्ति: https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2067910 )
  • इसके अलावा, व्यापक पालन सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय संसाधन प्रशिक्षण केंद्रों (आरआरटीसी), वृद्धाश्रमों और अन्य संबंधित गैर सरकारी संगठनों में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गईं। MyGov प्लेटफॉर्म पर वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों और कल्याण योजनाओं पर एक राष्ट्रव्यापी क्विज की शुरूआत की गई। यह क्विज़ सभी आयु समूहों, खासकर युवाओं के बीच वृद्ध व्यक्तियों के सम्मान और उनकी देखभाल के महत्व को लेकर जागरूकता बढ़ाता है। MyGov पर एक समर्पित प्रतिज्ञा, नागरिकों को अपने समुदायों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए गरिमा, सम्मान और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए आमंत्रित करती है। विभिन्न मंत्रालयों/विभागों, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र भेजकर वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए खास गतिविधियाँ शुरू करने का आग्रह किया गया। इनमें पीढ़ियों के बीच के बंधन को मज़बूत करने और पारिवारिक मूल्यों पर ध्यान केंद्रित करने वाले कार्यक्रम शामिल हैं।

ग्रैंड फिनाले 'समागम'  महज़ कार्यक्रमों की एक श्रृंखला का समापन नहीं है, बल्कि देश के वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि है ताकि देश में बुजुर्ग सम्मान, सुरक्षा और खुशियों से भरा जीवन जी सकें। मंत्रालय ने महीने भर तक चले समारोह और ग्रैंड फिनाले की सफलता में योगदान देने वाले सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। धन्यवाद ज्ञापन संयुक्त सचिव (एमओएसजेई) सुश्री मोनाली धकाते ने किया, जिन्होंने इन प्रभावशाली पहलों को साकार करने वाले सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना की।

मंत्रालय ने स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच बढ़ाने, वित्तीय सहायता प्रदान करने, वरिष्ठ नागरिकों के बीच डिजिटल साक्षरता बढ़ाने और बुजुर्गों के प्रति अधिक सामाजिक जागरूकता और संवेदनशीलता को बढ़ावा देने जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपने भविष्य के उद्देश्यों की पुष्टि की। मंत्रालय ने नागरिकों, खासकर युवा पीढ़ी को वरिष्ठ नागरिकों की सहायता और देखभाल के प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। 'समागम' का सफल समापन एक ऐसे दीर्घकालिक दृष्टिकोण की शुरुआत का संकेत देता है, जहां सरकार, जनता के साथ मिलकर एक ऐसे समाज के निर्माण की दिशा में काम कर रही है, जिसमें देश में प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक की भलाई सुनिश्चित है।

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