नईदिल्ली (पीआईबी)केन्द्र सरकार द्वारा 10 अक्टूबर, 2022 को शुरू किया गया राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनटीएमएचपी) देश की मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में महत्वपूर्ण योगदान के दो वर्ष पूरे होने का प्रतीक है। इस पहल के हिस्से के रूप में, टेली मानस (एमएएनएस) (राज्यों में टेली मानसिक स्वास्थ्य सहायता और नेटवर्किंग) को एक टोल-फ्री हेल्पलाइन (14416) के रूप में शुरु किया गया था, जो देश भर में उपलब्ध है और यह विभिन्न प्रकार की मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को मुहैया करती है। इस डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के जरिए, कोई भी व्यक्ति दूरी या लागत की बाधाओं के बिना, तत्काल देखभाल सहित टेलीफोन-आधारित परामर्श, मनोचिकित्सा, मनोरोग परामर्श और रेफरल सेवाओं तक पहुँच सकते हैं।टेली मानस ने देश भर में लाखों लोगों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवा को और अधिक सुलभ बना दिया है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि लोगों को, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में, समय पर सहायता मिल जाए। इतने व्यापक पैमाने पर मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया करने की इस कार्यक्रम की क्षमता ने वैश्विक स्वास्थ्य अधिकारियों की सराहना प्राप्त की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए टेली मानस की एक नवपरिवर्तनकारी एवं प्रभावी मॉडल के रूप में प्रशंसा की है।भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. रोडेरिको एच. ऑफ्रिन ने पिछले दो वर्षों में कार्यक्रम की सफलता के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को बधाई दी और उल्लेख किया कि टेली मानस की विश्व स्वास्थ्य संगठन की समीक्षा ने मानसिक स्वास्थ्य सेवा परिणामों में उल्लेखनीय सुधार लाने की इसकी क्षमता को उजागर किया है। उन्होंने इस पहल के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, विशेष रूप से आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी बल दिया, जो भारत के जन स्वास्थ्य संबंधी फ्रेमवर्क के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।अब चूंकि टेली मानस अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर रहा है, इसकी उपलब्धियां मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के प्रति मजबूत कटिबद्धता को दर्शाती हैं तथा यह सुनिश्चित करती हैं कि सभी को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी देखभाल उपलब्ध हो, चाहे वे देश के किसी भी हिस्से में क्यों न हों।
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