ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा महिला-नेतृत्व उद्यमिता पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने कल नई दिल्ली में महिला नेतृत्व वाली उद्यमिता पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। ग्रामीण विकास सचिव श्री शैलेश कुमार सिंह ने सम्मेलन में बैंकों को पुरस्कार प्रदान किए। ग्रामीण विकास मंत्रालय में अपर सचिव श्री चरणजीत सिंह ने बैंकों के साथ समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया। सम्मेलन में संयुक्त सचिव सुश्री स्मृति शरण और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। सम्मेलन का आयोजन व्यक्तिगत महिला उद्यमियों को ऋण देने के लिए बैंकों को सम्मिलित कर महिला उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के लिए किया गया।वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए स्वयं सहायता समूह(एसएचजी) बैंक संपर्क में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बीस बैंकों को पुरस्कृत किया गया। सम्मेलन के दौरान एसएचजी के लिए जनसमर्थ पोर्टल के साथ ऑनलाइन एकीकरण का शुभारंभ किया गया। जमाकर्ताओं की शिक्षा और जागरूकता कोष के तहत रिजर्व बैंक के सहयोग से वित्तीय साक्षरता पहल भी शुरू की गई

ग्रामीण विकास सचिव श्री शैलेश कुमार सिंह बैंकों को पुरस्कार प्रदान करते हुए

श्री शैलेश कुमार सिंह ने कहा कि महिलाएँ उच्च स्तर की संवेदना, स्वामित्व, प्रतिबद्धता, ईमानदारी, पारदर्शिता प्रदर्शित करती हैं और अपने लक्ष्यों के क्रियान्वयन में पर्याप्त समय और ऊर्जा लगाती हैं। बैंकों की महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका है।

श्री चरणजीत सिंह ने बैंकों को सलाह दी कि वे अपने शाखा अधिकारियों को उनके द्वारा डिजाइन किए गए विशिष्ट उत्पादों के बारे में जागरूक करें, ताकि ग्रामीण महिलाओं को शाखा स्तर पर वित्तीय सुविधा प्राप्त करने में कठिनाई का सामना न करना पड़े।

ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव श्री चरणजीत सिंह बैंकों के साथ समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान करते हुए

सुश्री स्मृति शरण ने कहा कि ऐसा इकोसिस्टम बनाने और उसे विकसित करने की आवश्यकता है जो महिलाओं में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने का आत्मविश्वास पैदा करे। उन्होंने बैंकों, नियामकों और अन्य भागीदारों सहित सभी हितधारकों से आग्रह किया कि वे इन महिला उद्यमियों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक मंच तैयार करें।

इस सम्मेलन में "वित्तीय समावेशन से आर्थिक समृद्धि तक के मार्ग- विकसित भारत@2047" पर एक पैनल चर्चा हुई। बैंकों, आईआईएम कोलकाता, फिनटेक, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और आईएफएमआर (एक शोध संगठन) के प्रतिष्ठित पैनलिस्टों ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को प्रोत्साहन देने के लिए एक सक्षम इकोसिस्टम बनाने के लिए एक रूपरेखा की अवधारणा बनाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया। मांग पक्ष और आपूर्ति पक्ष के मुद्दों और अंतराल को दूर करने के संभावित तरीकों पर सक्रिय विचार-विमर्श किया गया।

डीएवाई एनआरएलएम ने वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। सम्मेलन में महिला उद्यमियों की आकांक्षाओं को पूरा करने और उन्हें अपने उद्यमों को प्रोत्साहित करने में सहायता के लिए समूह ऋण से व्यक्तिगत ऋण की ओर परिवर्तन की आवश्यकता पर बल दिया गया। 3 करोड़ लखपति दीदियों के निर्माण के प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने में बैंक वित्तपोषण की अहम भूमिका है।

सम्मेलन में भारतीय रिजर्व बैंक, नाबार्ड, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, राज्य सहकारी बैंक, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय/विभाग और सीएसओ भागीदारों ने भाग लिया

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