केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में ऑस्ट्रेलिया-भारत शिक्षा और कौशल परिषद (एआईईएससी) की दूसरी बैठक में भाग लिया। बैठक में ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री और सांसद श्री जेसन क्लेयर तथा कौशल और प्रशिक्षण मंत्री श्री एंड्रयू जाइल्स मौजूद थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, श्री प्रधान ने इस बात पर जोर दिया कि एआईईएससी बैठक ज्ञान के आदान-प्रदान को मजबूत करने, शिक्षा और कौशल विकास में साझा प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने, नए अवसर तलाशने और ऑस्ट्रेलिया तथा भारत के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की कल्पना करने का महत्वपूर्ण मंच बन गई है। श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि शिक्षा और कौशल भारत और ऑस्ट्रेलिया के लिए आर्थिक समृद्धि के निर्माण और हमारे लोगों और संस्थानों के बीच स्थायी संबंध बनाने के लिए प्रेरक शक्ति होंगे।
मंत्रियों ने भविष्य के कार्यबल के पूर्वानुमान, शिक्षा क्षेत्र की आवश्यकताओं, शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से कौशल अंतर को पाटने और दोनों देशों के उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच अनुसंधान सहयोग को मजबूत करने पर केंद्रित चर्चा में भाग लिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि एआईईएससी शिक्षा के सभी स्तरों: स्कूल, कौशल और उच्च शिक्षा पर ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच द्विपक्षीय साझेदारी को और मजबूत करेगी। उन्होंने बताया कि एआईईएससी की अगली बैठक 2025 में भारत में होगी।
इससे पहले, दिन में श्री प्रधान ने ऑस्ट्रेलिया में विश्वविद्यालयों के गठबंधन - इनोवेटिव रिसर्च यूनिवर्सिटीज़ (आईआरयू) के उच्च स्तरीय प्रशासकों के साथ बातचीत की और इसके सदस्यों के साथ महत्त्वपूर्ण चर्चा में शामिल हुए। यात्रा के दौरान, श्री प्रधान ने शिक्षण के लिए उनके सहयोगात्मक दृष्टिकोण और समाज के लिए प्रभावशाली अनुसंधान को सुविधाजनक बनाने के प्रयासों के बारे में जाना। मंत्री ने शिक्षा एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए आईआरयू और भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच संभावित सहयोग की अवसरों को भी तलाशा। आईआरयू ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों का एक समूह है जो समाज को आगे बढ़ाने वाली शिक्षा और अनुसंधान में समावेशी उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्ध है।
शिक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए, श्री प्रधान 22 से 26 अक्टूबर तक ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं। इस यात्रा से शिक्षा में पारस्परिक हित के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग, भागीदारी और तालमेल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इस सप्ताह की शुरुआत में 20-21 अक्टूबर को, श्री प्रधान ने सिंगापुर का दौरा किया। उन्होंने कौशल-आधारित शिक्षा और अनुसंधान में द्विपक्षीय सहयोग के विस्तार के लिए प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री, शिक्षा मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात की।
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