रेलवे सुरक्षा बल ने वीर शहीदों के सम्मान में ‘डिजिटल मेमोरियल ऑफ वेलोर’ शुरू किया

यदि आपको लगता है कि देश की रक्षा करने वाले जवान हमारे असली नायक हैं और आप उन विस्मृत नायकों को भावभीनी श्रद्धांजलि देना चाहते हैं जिन्होंने हमें आराम देने के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है तो आप ऐसा कर सकते हैं। भारतीय रेलवे के तहत रेलवे सुरक्षा बल, एक अर्धसैनिक बल ने एक 'डिजिटल मेमोरियल ऑफ वेलोर' शुरू किया है जहां आप किसी शहीद की तस्वीर को पुष्पांजलि और मोमबत्ती से डिजिटल रूप से सजा सकते हैं। 'डिजिटल मेमोरियल ऑफ वेलोर' अपने साहसी कर्मियों के बलिदान का सम्मान करने के लिए एक वेबसाइट है जिसे 25 अक्टूबर, 2024 को नई दिल्ली में शुरू किया गया है। यह एक अनूठा डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जहां नागरिक बल के शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। यह अभिनव वेबसाइट (www.digitalmemorialofvalour.in) 21 अक्टूबर को पुलिस स्मरणोत्सव दिवस के पश्चात शहीद स्मृति सप्ताह का भाग है।

यह वेबसाइट उन शहीदों को याद और स्मरण करने का एक औपचारिक स्थान प्रदान करती है क्योंकि इस पर उपयोगकर्ता शहीदों की तस्वीरों को पुष्पमाला और मोमबत्ती से डिजिटल रूप से सजाकर उन्हें श्रद्धांजलि दे सकते हैं। आगंतुक रेलवे सुरक्षा बल के वीर नायकों के सर्वोच्च बलिदान को याद कर सकते हैं और उनके लिए प्रार्थना कर सकते हैं। वेबसाइट पर पिछले वर्ष शहीद हुए बल के 14 शहीदों की तस्वीरें, नाम और रैंक हैं और इस वेबसाइट पर रेलवे सुरक्षा बल तथा रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) के 1,011 शहीदों की एक सूची है जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपने प्राणों की आहुति दी है।

यह सरकार की 'डिजिटल इंडिया' पहल के अनुरूप 'डिजिटल मेमोरियल ऑफ वेलोर' उन लोगों के लिए एक मंच है जो वास्तव में ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेने में असमर्थ हैं। यह डिजिटल पोर्टल बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। श्रद्धांजलि अर्पित करने के अलावा, यह वेबसाइट उपयोगकर्ताओं को 'रेलवे सुरक्षा बल में शहीदों क सूची' की डिजिटल प्रति की सदस्यता लेने के लिए आमंत्रित करती है। यह डिजिटल प्रति 28 अक्टूबर, 2024 को जारी की जाएगी। इस सूची में रेलवे सुरक्षा बल के उन कर्मियों की कहानियां होंगी जिन्होंने पिछले वर्षों में राष्ट्र की सेवा में अपने प्राणों की आहुति दी है।

वेबसाइट शुरू करने के अवसर पर बोलते हुए, श्री मनोज यादव, महानिदेशक, रेलवे सुरक्षा बल ने कहा, "इनमें से प्रत्येक नायक ने अपने प्राणों की आहुति दी है ताकि दूसरे सुरक्षित रह सकें। यह स्मारक हमारी चिरस्थायी कृतज्ञता का एक प्रतीक है और यह हमें याद दिलाता है कि वीरता की उनकी विरासत कभी विस्मृत नहीं होगी। उनका साहस और बलिदान हमें हमेशा प्रेरणा देंगे। आज जब हम इन वीरों का सम्मान कर रहे हैं तो हम उसी समर्पण के साथ राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं जिसका उन्होंने उदाहरण प्रस्तुत किया।"

श्री मनोज यादव, महानिदेशक, रेलवे सुरक्षा बल ने अपने शहीदों की विरासत को सम्मान देने के लिए रेलवे सुरक्षा बल के निरंतर प्रयासों के तहत इस साल सितंबर में पुलिस दल का नेतृत्व करते हुए लद्दाख में हॉट स्प्रिंग स्मारक का दौरा किया। यह एक ऐतिहासिक महत्व का स्थल है जहां वीर पुलिस अधिकारियों ने 1959 में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास 15,400 फीट की ऊंचाई पर सबसे दुर्गम इलाकों में से एक में हुआ यह दौरा भारत के वीरों की विरासत को सम्मान देने के लिए रेलवे सुरक्षा बल की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

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