केंद्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आईबीएम, जेएनएआरडीडीसी संचालन की समीक्षा की, नागपुर में आधुनिक स्कैनिंग और एक्सआरडी सुविधाओं का उद्घाटन किया

नईदिल्ली (पीआईबी)केंद्रीय कोयला और खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने नागपुर में भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) मुख्यालय का दौरा किया, जहाँ उन्होंने प्रमुख पहलों की प्रगति की समीक्षा की, डिजिटल नवाचारों की शुरुआत की और भारत में खनिज अन्वेषण तथा प्रसंस्करण क्षमतओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।यात्रा के दौरान, श्री जी. किशन रेड्डी ने नागपुर के हिंगा में आईबीएम की नवीनतम आधुनिक खनिज प्रसंस्करण प्रयोगशाला का दौरा किया। यह प्रयोगशाला भारत के रणनीतिक खनिज मिशन के लिए महत्वपूर्ण है। प्रयोगशाला में महत्वपूर्ण खनिज प्रसंस्करण और उन्नत तकनीकों का अनुप्रयोग प्रदर्शन किया गया, जिसमें खान मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और आईबीएम के महानियंत्रक श्री संजय लोहिया ने दक्षता, स्थिरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में प्रयोगशाला की भूमिका पर प्रकाश डाला।श्री जी. किशन रेड्डी ने आईबीएम की आधुनिक खनिज प्रसंस्करण प्रयोगशाला में फील्ड उत्सर्जन स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप (एफईएसएम) और डिजिटल एक्स-रे विवर्तन (एक्सआरडी) सुविधाओं का उद्घाटन किया। ये उन्नत प्रौद्योगिकियाँ खनिज विश्लेषण क्षमताओं को बढ़ाएंगी, खनिज प्रसंस्करण में शुद्धता, दक्षता और स्थिरता में सुधार करके भारत के रणनीतिक खनिज मिशन में योगदान देंगी।मंत्री ने श्री संजय लोहिया और आईबीएम के अन्य अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की भी अध्यक्षता की, जिसमें संचालन को सुव्यवस्थित करने, खनिज अन्वेषण प्रयासों को बढ़ाने और खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और दक्षता में सुधार हेतु अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।श्री लोहया ने मंत्री को सतत खनन प्रथाओं और खनन टेनेमेंट सिस्टम के लिए स्टार रेटिंग प्रणाली के बारे में जानकारी दी।श्री जी. किशन रेड्डी ने आईबीएम परिसर में स्थित जवाहरलाल नेहरू एल्युमीनियम अनुसंधान विकास एवं अभिकल्प केंद्र (जेएनएआरडीडीसी) के समीक्षा की भी अध्यक्षता की, जहाँ उन्होंने एल्युमीनियम प्रसंस्करण में अनुसंधान तथा नवोन्मेष के महत्व और खनिज संसाधनों में भारत के आत्मनिर्भरता में इसके योगदान पर प्रकाश डाला।केंद्रीय मंत्री ने आईबीएम मुख्यालय में पौधारोपण किया, जो खनन क्षेत्र में सतत पर्यावरण और हरित पहल के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।यह यात्रा खनिज संसाधनों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और वैश्विक खनिज क्षेत्र में भारत की स्थिति को आगे बढ़ाने के लिए मंत्रालय के समर्पण को मजबूत करती है।

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