वन अधिकार अधिनियम एवं पेसा संबंधी मुद्दों पर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए पंचायती राज मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय की संयुक्त राष्ट्रीय कार्यशाला कल से जबलपुर में शुरू होगी

धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के प्रावधानों के अनुरूप, जनजातीय कार्य मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय जनजातीय समुदायों, खासकर जिला स्तरीय समितियों, उप-मंडल स्तरीय समितियों के सदस्यों और पेसा क्षेत्रों में निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के लिए क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। इसका उद्देश्य पंचायत (एक्सटेंशन टू शेड्यूल एरियाज) अधिनियम (पेसा) के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को मजबूत करना और वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) का प्रभावी कार्यान्वयन करना है।इस प्रयास में, अगली प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टीओटी)कार्यशाला पंचायती राज मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एमजीएसआईआरडी एंड पीआर), जबलपुर में 8 और 9 अक्टूबर 2024 को आयोजित की जा रही है। इस कार्यशाला में पेसा के अंतर्गत धन उधार देने पर नियंत्रण और एफआरए के कार्यान्वयन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इस कार्यशाला में लगभग  21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (जहां वन अधिकार अधिनियम लागू है) के लगभग 150 राज्य और जिला स्तरीय मुख्य प्रशिक्षकों (मास्टर ट्रेनर) को प्रशिक्षित किया जाएगा।उपरोक्त विशेष क्षमता निर्माण अभियान, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) के ढांचे के अंतर्गत क्रियान्वित किया जाएगा। इसमें राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर के प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल होंगे। विशेष क्षमता निर्माण अभियान की शुरुआत जून 2024 में एनआईआरडी एंड पीआर में पंचायती राज मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय की संयुक्त कार्यशाला से हुई थी, जिसका उद्देश्य पेसा  मुद्दों और एफआरए पर प्रशिक्षण के लिए निर्देश सामग्री को अंतिम रूप देना था। निर्देश सामग्री को अंतिम रूप देने के बाद, पेसा क्षेत्रों और एफआरए लागू करने वाले राज्यों में पीआरआई के निर्वाचित प्रतिनिधियों और अन्य हितधारकों को प्रशिक्षण देने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य एवं जिला स्तर के मुख्य प्रशिक्षकों की पहचान की गई। इन प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टीओटी) चल रहा है, पंचायती राज मंत्रालय द्वारा पेसा विषयों पर चार टीओटी आयोजित किए जा चुके हैं।इस कार्यशाला में, वन अधिकार अधिनियम के विभिन्न पहलुओं जैसे संस्थागत तंत्र; व्यक्तिगत वन अधिकार, सामुदायिक वन अधिकार और सामुदायिक वन संसाधन अधिकारों के तहत दावों की प्रक्रिया; दावे दाखिल करने और शिकायत निवारण आदि में चुनौतियां पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।इस प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान पंचायती राज मंत्रालय, जनजातीय कार्य मंत्रालय तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास और जनजातीय कल्याण विभाग, मध्य प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।

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