पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने चक्रवाती तूफान “दाना” से निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाए

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने भीषण चक्रवाती तूफान "दाना" की आशंका को देखते हुए बंदरगाह, जहाजों और कर्मियों की सुरक्षा के लिए व्यापक सुरक्षा उपाय किए हैं। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर ने पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय जहाजरानी महानिदेशालय और भारत मौसम विज्ञान विभाग की तैयारियों के आकलन करने के लिए एक विस्तृत समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

श्री ठाकुर ने समुद्री परिचालन पर चक्रवाती तूफान के प्रभाव को कम करने तथा बंदरगाह कर्मियों और जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया। श्री ठाकुर ने संबंधित एजेंसियों द्वारा उठाए गए सक्रिय कदमों की प्रशंसा करते हुए चक्रवाती तूफान के तीव्र होने पर स्थिति की निगरानी में सतर्क रहने का आग्रह किया।

वर्तमान में यह चक्रवाती तूफान बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य पर केन्द्रित है। इसके और तीव्र होने तथा 24 अक्टूबर की रात को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के बीच पहुंचने की संभावना है। इस दौरान हवा की गति 100-110 किमी प्रति घंटा से बढ़कर 120 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है।

तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए, बर्थ के साथ सभी जहाजों को उचित ट्रिम और स्थिरता के साथ तैयार रखा गया है और उनके मुख्य इंजनों को 23 अक्टूबर 2024 की दोपहर तक समुद्र में किसी भी स्थिति से बचने के लिए  तैयार किया गया है। हल्के ड्राफ्ट वाले जहाजों को भी खराब मौसम की किसी भी स्थिति से निपटते हुए सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, पारादीप एंकोरेज में जहाजों को 23 अक्टूबर की शाम तक सुरक्षित समुद्री क्षेत्र में चले जाने के साथ-साथ बंदरगाह के भीतर मौजूद तटरक्षक जहाजों को या तो बेहद खराब मौसम में सुरक्षित रखने की व्यवस्था करने अथवा सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

बैठक के दौरान, माननीय राज्य मंत्री ने कोलकाता बंदरगाह और श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को इस क्षेत्र में चक्रवाती तूफान दाना के अपेक्षित कम प्रभाव के बावजूद पूरी तैयारी बनाए रखने के साथ-साथ किसी भी अप्रत्याशित घटना से निपटने के लिए तत्परता सुनिश्चित करने और किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान को रोकने की सलाह दी है।

मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि पारादीप बंदरगाह में सभी ड्रेजर, बजरे और सहायक जहाजों को खराब मौसम में लिए सुरक्षित रखा जाए। डीसीआई ड्रेज XV, XVI और XVIII के साथ-साथ एनडीसी में डीसीआई ड्रेज गंगा और डीसीआई मल्टीकैट को सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाने जबकि पश्चिमी और उत्तरी डॉक क्षेत्रों में अन्य जहाजों को चौबीसों घंटे तैनात रहने के निर्देश दिए हैं। पीपीएल, इफको, केआईसीटी, एमसीएचपी और आईओएचपी में हार्बर मोबाइल क्रेन और शिप अनलोडर सहित भारी मशीनरी को 23 अक्टूबर की शाम तक सुरक्षित स्थलों पर पहुंचा दिया गया है।

बंदरगाह निर्माणाधीन क्षेत्रों में आवश्यक उपकरणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ हाई मास्ट लाइट, लोडिंग आर्म्स और गैंगवे को सुरक्षित रखने के सभी उपाय कर रहा है। पारादीप बंदरगाह प्राधिकरण के साथ समन्वय में आपातकालीन सेवाएं, जिनमें पेड़ काटने के लिए पावर आरी, निकासी बसें और आपातकालीन राशन शामिल हैं, उपलब्ध कराई गई हैं।

राज्य और स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय बनाते हुए मंत्रालय लोगों को चक्रवाती आश्रयों तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था करके निकासी प्रयासों में सहायता करने के लिए तैयार है। प्रभावित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आश्रयों में दवाओं, पेयजल और भोजन का पर्याप्त स्टॉक वितरित किया जा रहा है।

बंदरगाह के परिचालन और बुनियादी ढांचे पर चक्रवाती तूफान दाना के प्रभाव को न्यूनतम करने के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरती गई हैं, जो प्रतिकूल मौसम की स्थिति के दौरान भी समुद्री सुरक्षा और परिचालन निरंतरता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

Post a Comment

أحدث أقدم

प्रेस विज्ञप्ति व विज्ञापन के लिये ,हमें ईमेल करे editordharasakshi@gmail.com