माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 13 अक्टूबर 2021 को शुभारंभ किए गए मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) ने आज तीन वर्ष पूरे कर लिए हैं, जिसने देश के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य को बदलने में बहुत महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल की हैं। इस अवसर पर, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा, “पीएम गतिशक्ति ने भारत में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें लागू करने के तरीके में एक बड़ा बदलाव लाया है। कई मंत्रालयों और राज्यों के आंकड़ों को एकीकृत करके, हम लोगों ने एक अधिक कुशल, पारदर्शी और परिणाम-संचालित प्रणाली बनाई है। इसका प्रभाव तेजी से परियोजना निष्पादन, कम रसद लागत और देश के हर कोने तक बेहतर सेवाओं के पहुंचने में दिखाई देता है।”डीपीआईआईटी सचिव श्री अमरदीप सिंह भाटिया के मुताबिक़, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री द्वारा तीन वर्ष पहले परिवर्तनकारी दृष्टिकोण के रूप में शुरू किए गए पीएम गतिशक्ति एनएमपी ने भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण का लाभ उठाते हुए अवसंरचना नियोजन और विकास प्रक्रिया को गति दी है। पिछले तीन वर्षों के दौरान, 44 से अधिक केंद्रीय मंत्रालयों और 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को इसमें शामिल किया गया है, उनके डेटा लेयर्ज़ को एकीकृत किया गया है और उन्हें अपना स्वयं का भू-स्थानिक नियोजन पोर्टल मुहैया कराया गया है।’’मंत्रालयों/विभागों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में तालमेल लाने के अपने विजन के साथ, पीएम गतिशक्ति ने निर्बाध, बहु-मॉडल कनेक्टिविटी और त्वरित आर्थिक विकास के लिए सफलतापूर्वक आधार तैयार किया है। पीएम गतिशक्ति ने भारत द्वारा बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के तरीके को पुन: परिभाषित किया है। 44 केंद्रीय मंत्रालयों और 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से भू-स्थानिक डेटा का उपयोग करके, इस प्लेटफॉर्म ने अंतर-मंत्रालयी समन्वय में उल्लेखनीय सुधार किया है और परियोजना निष्पादन को सुव्यवस्थित किया है।
प्रमुख उपलब्धियां:
पूरी सरकार को एक ही मंच पर लाना
पीएम गतिशक्ति ने 1600 से अधिक डेटा लेयर्ज़ के साथ 44 केंद्रीय मंत्रालयों और 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को एकीकृत किया है, जिससे यह बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के लिए एक महत्वपूर्ण औज़ार बन गया है। आज तक, नेटवर्किंग प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) द्वारा पीएम गतिशक्ति के सिद्धांतों के परिप्रेक्ष्य से 200 से अधिक बिग-टिकट वाली अवसंरचना परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया है अर्थात मल्टी-मॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर की एकीकृत योजना और विकास, आर्थिक और सामाजिक नोड्स के लिए लास्ट-माइल कनेक्टिविटी, इंटरमॉडल कनेक्टिविटी, लॉजिस्टिक्स दक्षता में वृद्धि और परियोजनाओं का समकालिक कार्यान्वयन।
सामाजिक क्षेत्र प्रभाव: पीएम गतिशक्ति को सामाजिक क्षेत्र के मंत्रालयों तक विस्तारित करते हुए, सामाजिक विकास के लिए पीएम गतिशक्ति के उपयोग को बढ़ाने, सोशल गैप्स सामाजिक अंतराल (स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी) की पहचान करने और डेटा कैप्चर करने के लिए एप्लिकेशन और प्लानिंग टूल्ज़ विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसने प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, डाक सेवाओं और आदिवासी विकास जैसे आवश्यक क्षेत्रों में बेहतर बुनियादी ढांचा नियोजन को सक्षम किया है, यह सुनिश्चित करते हुए कि दूरस्थ और ऐसे क्षेत्र जहां ये सेवाएं कम हैं, वे भी भारत की बुनियादी ढांचा विकास कहानी का हिस्सा हैं।
पीएम गतिशक्ति राज्य मास्टर प्लान (एसएमपी): सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने पीएम गतिशक्ति राज्य मास्टर प्लान (एसएमपी) पोर्टल विकसित किए हैं जो, बुनियादी ढांचे की संपत्तियों को समन्वित करने और क्षेत्रीय विकास को बढ़ाने के लिए, पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान प्लेटफॉर्म के साथ संरेखित हैं। इस एकीकृत दृष्टिकोण ने राज्यों को बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाने के लिए अपने पूंजी निवेश को सुव्यवस्थित करने में सहायता की है। पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 533 से अधिक परियोजनाओं का मानचित्रण किया गया है।
ईएक्सआईएम और व्यापार सुविधा: राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी) के साथ संरेखित, पीएम गतिशक्ति महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की कमियों को संबोधित करने, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और भारत के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन को बेहतर बनाने में सहायक रही है। विश्व बैंक की 'लॉजिस्टिक्स परफॉरमेंस इंडेक्स रिपोर्ट (2023) के अनुसार, भारत का स्थान (38) 2018 में 44 से छह पायदान ऊपर रहा है।
क्षेत्रीय कार्यशालाएं और हितधारक जुड़ाव: सहकारी संघवाद की भावना का पालन करते हुए, पिछले तीन वर्षों में, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा ज्ञान साझा करने, सर्वोत्तम प्रथाओं और परियोजना निष्पादन को सुगम बनाने के लिए सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल करते हुए पांच क्षेत्रीय कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं। इन जुड़ावों ने, गतिशक्ति ढांचे को स्थानीय रूप से अपनाने और स्वामित्व को मजबूत करने में, महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
संधारणीय, डेटा-संचालित विकास को बढ़ावा देना: पीएम गतिशक्ति का डेटा-संचालित दृष्टिकोण जीआईएस-आधारित टूल्ज़ और एक वास्तविक समय निगरानी प्रणाली द्वारा संचालित है, जो तेज और अधिक सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। ये प्लेटफॉर्म सुनिश्चित करता है कि परियोजनाएं राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप हों और समय पर पूरी हों, जिससे देरी कम हो और लागत में वृद्धि कम हो। यह एकीकरण भारत की 2070 तक ग्रीन हाउस गैसों को शून्य स्तर तक लाने की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह प्लेटफॉर्म हरित बुनियादी ढांचे और संधारणीय रसद समाधानों के उपयोग को बढ़ावा देता है।
प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण: चूंकि पीएम गतिशक्ति एक उन्नत जीआईएस प्लेटफॉर्म के साथ एक नई पहल है, इसलिए डीपीआईआईटी ने अधिकारियों को उनकी क्षमता निर्माण के लिए प्रशिक्षित करने का काम किया है। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (पीएमजीएस एनएमपी) ने पाठ्यक्रमों और कार्यशालाओं के माध्यम से क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति देखी है। आईजीओटी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध पीएम गतिशक्ति पर एक पाठ्यक्रम पहले ही 20,000 से अधिक अधिकारियों द्वारा पूरा किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, सभी केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों (सीटीआई) ने अपने नियमित अधिकारियों के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में पीएम गतिशक्ति पर एक पाठ्यक्रम मॉड्यूल एकीकृत किया है। डीपीआईआईटी और बीआईएसएजी-एन के रिसोर्स पर्संस और मास्टर प्रशिक्षक विभिन्न सीटीआई और एटीआई में पीएम गतिशक्ति पर नियमित सत्र आयोजित करते हैं, जिसमें लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए), सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एसवीपीएनपीए) और सुषमा स्वराज विदेश सेवा संस्थान (एसएसआईएफएस) जैसे संस्थान शामिल हैं। मंत्रालयों/विभागों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ पीएम गतिशक्ति पर लगभग 150 इंटरैक्टिव प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए गए हैं, जिसमें 1,000 से अधिक अधिकारी शामिल हुए हैं।
जिलों तक पीएमजीएस का विस्तार: जैसे-जैसे भारत आगे बढ़ रहा है, पीएम गतिशक्ति के लगातार विकसित होने की उम्मीद है, ताकि मल्टी-मॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने, स्मार्ट शहरों को विकसित करने और औद्योगिक गलियारों और मेगा निवेश क्षेत्रों के माध्यम से देश की औद्योगिक क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सके। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के विजन और केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के साथ-साथ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रदर्शित महत्वपूर्ण उपयोग के आधार पर, राज्य/जिला अधिकारियों द्वारा जिला स्तर पर सहयोगात्मक योजना के लिए बीआईएसएजी-एन (भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान) के तकनीकी सहयोग से एक पीएम गतिशक्ति जिला मास्टर प्लान (पीएमजीएस डीएमपी) पोर्टल विकसित किया जा रहा है। एनएमपी प्लेटफॉर्म का क्रॉस-सेक्टरल सहयोग और एआई और आईओटी जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों पर जोर बुनियादी ढांचे के प्रबंधन और नियोजन में और बड़े बदलाव लाएगा।
पीएमजीएस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने और बुनियादी ढांचे की एकीकृत योजना में पीएम गतिशक्ति और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, पड़ोसी देशों और नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, मेडागास्कर, सेनेगल और गाम्बिया जैसे अन्य विकासशील देशों के साथ कूटनीतिक जुड़ाव चल रहा है।
सरकार गैर-सरकारी उपयोगकर्ताओं को बुनियादी ढांचे की योजना और इस क्षेत्र द्वारा विकासात्मक गतिविधियों से संबंधित आंकड़ों (गैर-संवेदनशील और साझा करने योग्य) तक पहुंच प्रदान करने पर भी विचार कर रही है। इन आंकड़ों तक ऐसी पहुंच सबसे सुरक्षित तरीके से उपलब्ध कराई जाएगी।
जैसा कि भारत पीएम गति शक्ति के तीन वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहा है, यह पहल एक आधुनिक, परस्पर जुड़े बुनियादी ढांचे के नेटवर्क को बनाने के अपने वादे को पूरा करने के काम को जारी रखे हुए है, जो देश के आत्मनिर्भर भारत विजन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
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