केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप पेंशनभोगियों की शिकायत निवारण प्रणाली यानी केंद्रीकृत पेंशन शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीईएनजीआरएएमएस) की समीक्षा के बाद व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि इन शिकायतों को सुलभ, सार्थक और संवेदनशील तरीके से निपटाया जा सके।
दिशा-निर्देशों में शिकायतों के शीघ्र और कुशल निवारण की परिकल्पना की गई है, जो भारत सरकार के नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण का प्रमाण है।
पेंशनभोगियों की शिकायतों से निपटने के लिए केंद्र सरकार के व्यापक दृष्टिकोण की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं-
- मंत्रालयों/विभागों को पेंशनभोगियों की शिकायतों का 21 दिनों की अवधि में निपटारा करने का प्रयास करना चाहिए। जिन मामलों में शिकायतों के निपटारे में अधिक समय लगता है, वहां पोर्टल पर अंतरिम जवाब दिया जा सकता है।
- शिकायत का निपटारा ‘संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण’ के तहत किया जाएगा। किसी भी मामले में शिकायत को यह कहकर तुरंत बंद नहीं किया जाएगा कि ‘यह इस कार्यालय से संबंधित नहीं है’।
- शिकायत को उसके निर्णायक निपटारे के बगैर बंद नहीं किया जाएगा और शिकायत को बंद करते समय उससे जुड़े सूचना और अन्य सहायक दस्तावेजों के साथ कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) भरी जानी चाहिए।
- मंत्रालय/विभाग निर्धारित अवधि में शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निपटारा सुनिश्चित करने के लिए पोर्टल पर लंबित पेंशन संबंधी शिकायतों की मासिक समीक्षा करेंगे।
- नोडल पीजी अधिकारी शिकायतों की प्रवृत्ति का विश्लेषण करेंगे और शिकायतों की घटनाओं की जांच करने के लिए मूल कारणों का विश्लेषण भी करेंगे।
- आवेदक शिकायत के बंद होने के 30 दिन की अवधि में अपनी शिकायत निपटारे के खिलाफ अपील दायर कर सकता है और अपीलीय प्राधिकारी द्वारा 30 दिनों में भीतर इसका निपटारा किया जाएगा। यदि इससे संबंधित कोई दस्तावेज हैं तो उन्हें संलग्न करते हुए एक आदेश (स्पीकिंग ऑर्डर) पारित किया जाएगा।
- मंत्रालय/विभाग के समक्ष व्यक्तिगत तौर पर दायर शिकायत आवेदनों को इनकी उचित निगरानी सुनिश्चित करने के लिए सीपीईएनजीआरएएमएस पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
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