नईदिल्ली (पीआईबी)सरकार वाणिज्यिक मामलों के शीघ्र और प्रभावी ढंग से तथा उनका उचित लागत पर समाधान सुनिश्चित करने के लिए, वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम, 2015 लाई थी और वर्ष 2018 में इस अधिनियम में संशोधन किया गया था। इसके बाद भारत सरकार ने देश में विवाद समाधान तंत्र को मजबूत करने के लिए विधायी और नीतिगत दोनों मोर्चों पर विभिन्न कदम भी उठाए हैं। कानूनी मामलों का विभाग, वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम, 2015 में और संशोधन करने पर विचार कर रहा है।प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य वाणिज्यिक विवादों का जल्द समाधान और अदालतों में विशेष निर्णय को और अधिक प्रोत्साहन प्रदान करना तथा अदालतों में वाणिज्यिक विवाद समाधान से सम्बंधित लागू प्रक्रिया को सरल बनाना है।इसके मद्देनजर, वाणिज्यिक न्यायालय (संशोधन) विधेयक, 2024 के साथ ही मौजूदा प्रावधान और प्रस्तावित संशोधन को विवरण सारणीबद्ध रूप से तैयार किया गया है।विभाग ने मसौदा संशोधनों पर सार्वजनिक परामर्श अभ्यास के रूप में जनता से टिप्पणियां और प्रतिक्रिया आमंत्रित की हैं। विधेयक का मसौदा और सारणीबद्ध विवरण https://legalaffairs.gov.in/ पर देखा जा सकता है। विधेयक के मसौदे पर टिप्पणियां avnit.singh@gov.in और ndiac-dla@gov.in पर ईमेल द्वारा 22.11.2024 तक भेजी जा सकती हैं।
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