नईदिल्ली (पीआईबी)भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने आज यहां अपनी 45वीं केंद्रीय सलाहकार समिति (सीएसी) की बैठक आयोजित की, जिसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से नवंबर से मार्च तक के व्यस्त पर्यटन सीजन की तैयारी में उच्च सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर निगरानी बढ़ाने का आग्रह किया गया।सीजन के दौरान लोकप्रिय स्थलों पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को इन पर्यटन स्थलों पर फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स मोबाइल लैब का उपयोग करने की सलाह दी गई।एफएसएसएआई के सीईओ श्री जी कमला वर्धन राव ने विभिन्न राज्यों के खाद्य आयुक्तों से ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा उपयोग किए जाने वाले गोदामों और अन्य सुविधाओं पर निगरानी बढ़ाने को कहा। उन्होंने ऐसे गोदामों के साथ-साथ इन प्लेटफॉर्म के डिलीवरी कर्मियों के लिए एसओपी जारी करने को कहा।राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से निगरानी के मद्देनजर नमूनों को बढ़ाने और इस उद्देश्य के लिए फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स मोबाइल वैन तैनात करने को भी कहा गया।समिति ने सभी नागरिकों के लिए खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण और प्रमाणन (एफओएसटीएसी) के तहत सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) को प्रशिक्षित करने पर जोर दिया। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से मार्च 2026 तक विश्वविद्यालय, कॉलेज और छात्रावास कैंटीन सहित 25 लाख खाद्य संचालकों को प्रशिक्षित करने का आग्रह किया गया।इस अवसर पर एकीकृत खाद्य सुरक्षा दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी जोर देते हुए, सभी संबंधित मंत्रालयों, हितधारकों से सहयोग करने का आग्रह किया गया तथा राज्यों/केंद्र शासित क्षेत्रों को राज्य एवं जिला स्तर पर नियमित रूप से सलाहकार समिति की बैठकें आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।बैठक में ईट राइट इंडिया अभियान के तहत स्वस्थ भोजन की संस्कृति को बढ़ावा देने में उपभोक्ताओं को सक्रिय रूप से शामिल करने के महत्व को रेखांकित किया गया। राज्यों को मेलों, वॉकथॉन और नुक्कड़ नाटकों जैसी आउटरीच पहलों के माध्यम से खाद्य सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने की सलाह दी गई।बैठक में 60 से अधिक अधिकारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जिनमें खाद्य सुरक्षा आयुक्त (सीएफएस), राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि, वरिष्ठ एफएसएसएआई अधिकारी और खाद्य उद्योग, उपभोक्ता समूहों, कृषि क्षेत्र, प्रयोगशालाओं और अनुसंधान संगठनों के सदस्य शामिल थे।
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