संस्कृति मंत्रालय की अमृत परम्परा श्रृंखला के अंतर्गत सांस्कृतिक उत्सव के एक प्रमुख प्रतीक कावेरी गंगा मिलन (कावेरी मीट्स गंगा) मिलन उत्सव के अंतिम दिन कर्तव्य पथ और सीसीआरटी द्वारका में कई शानदार कार्यक्रम आयोजित किए गए। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री चिराग पासवान और विधि एवं न्याय राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कर्तव्य पथ पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। 2 से 5 नवंबर 2024 तक आयोजित इस आकर्षक उत्सव में भारत की पारंपरिक और लोक कलाओं की समृद्ध झलक का प्रदर्शन किया गया, जिसमें एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को दर्शाया गया।
संस्कृति मंत्रालय की स्वायत्त संस्थाओं - संगीत नाटक अकादमी, कलाक्षेत्र और सीसीआरटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कावेरी गंगा मिलन उत्सव श्रृंखला ने उत्तर भारत में दक्षिण भारतीय संगीत और नृत्य का एक असाधारण मिश्रण प्रस्तुत किया करते हुए उत्तर भारतीय कलात्मक परंपराओं को पेश किया। चेन्नई के प्रसिद्ध मर्गाज़ी महोत्सव से प्रेरणा लेते हुए, इस कार्यक्रम ने भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत को उसकी पारंपरिक और लोक कलाओं के माध्यम से प्रदर्शित किया।
संस्कृति मंत्रालय के लिए इस कार्यक्रम को इस दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना गया, क्योंकि इसमें पारंपरिक कला रूपों को पुनर्जीवित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है, खासतौर से वे कला रूप, जो लुप्त होने के कगार पर है। इमर्सिव तकनीक और आधुनिक प्रस्तुति तकनीकों को एकीकृत करके, अमृत परम्परा का उद्देश्य इस कार्यक्रम को यादगार अनुभव बनाना था, ताकि भारत की कलात्मक विरासत का सम्मान करते हुए सरदार पटेल के विविधता में एकता के दृष्टिकोण को बेहतर तरीके से प्रदर्शित किया जा सके। सरदार पटेल की 150वीं जयंती के दो साल के स्मरणोत्सव के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय गौरव को प्रदर्शित करने वाले उत्सव ने उनकी विरासत को सांस्कृतिक एकता के संदेश से जोड़ा।
महोत्सव के चौथे और अंतिम दिन का समापन शानदार प्रस्तुतियों के साथ हुआ, जिनमें से प्रत्येक प्रस्तुति भारत की सांस्कृतिक परम्पराओं की समृद्धि का जीवंत रूप था।
कर्तव्य पथ पर शाम की शुरुआत केरल के प्रसिद्ध पेरुमानूर नेरारिवु समूह के एक जोशीले लोक प्रदर्शन से हुई, जिसमें राज्य की समृद्ध लोक परंपराओं को दर्शाया गया। इसके बाद कर्नाटक के जयतीर्थ मेवुंडी द्वारा भावपूर्ण हिंदुस्तानी गायन प्रस्तुति दी गई, जिसमें कर्नाटक की पारंपरिक विरासत का सार प्रस्तुत किया गया। महान सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान, अमान अली बंगश और अयान अली बंगश ने मनमोहक प्रस्तुति देकर दर्शकों को अभिभूत कर दिया। इस कार्यक्रम का समापन करते हुए, तमिलनाडु की भरतनाट्यम कलाकार मीनाक्षी श्रीनिवासन ने अपने नृत्य से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जो भरतनाट्यम के प्राचीन रूप और इसकी आध्यात्मिकता को दर्शाता है।
इसके साथ ही, सीसीआरटी द्वारका में शाम की शुरुआत कथक केंद्र और शास्त्रवत रावण द्वारा एक प्रभावशाली कथक प्रदर्शन के साथ हुई, जिसमें सशक्त कला चित्रण को दर्शाया गया। इसके बाद संध्या मनोज ने अपनी दक्षिणी गायन शैली से दर्शकों को भारतीय संगीत परंपराओं से अवगत कराया। सीसीआरटी द्वारका में इसका समापन महाराष्ट्र के राकेश चौरसिया के हिंदुस्तानी बांसुरी वादन कार्यक्रम से हुआ।
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