नईदिल्ली (पीआईबी)बिहार में औद्योगिक विकास को गति देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी), बिहार सरकार और बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बीआईएडीए) ने आज गया में एक एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आईएमसी) की स्थापना के लिए राज्य समर्थन समझौते (एसएसए) और शेयरधारक समझौते (एसएचए) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह क्लस्टर अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे (एकेआईसी) का हिस्सा है।वित्त मंत्री ने कुछ दिनों पहले अपने भाषण में सरकार के 'विकास भी, विरासत भी' दृष्टिकोण पर बल दिया था। यह परियोजना उसी के अनुरूप आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ गया की सांस्कृतिक विरासत को भी बढ़ावा देगी, जो अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रा और विरासत पर्यटन के लिए प्रसिद्ध केंद्र है।
'आत्मनिर्भर' भारत के लिए औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ावा देना
गया अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 39 किलोमीटर दक्षिण में स्थित आईएमसी गया, 1,670 एकड़ में फैला होगा, जिसमें 16,524 करोड़ रुपये की अनुमानित निवेश क्षमता और 1,339 करोड़ रुपये की परियोजना लागत होगी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना से लगभग 1,09,185 नौकरियों के सृजन की उम्मीद है, जिससे स्थानीय समुदाय को आर्थिक बढ़ावा मिलेगा। आईएमसी गया को निर्माण सामग्री, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण, चमड़े के सामान, रेडीमेड वस्त्र, फर्नीचर, हथकरघा और हस्तशिल्प, इंजीनियरिंग और निर्माण और चिकित्सा उपकरण सहित कई क्षेत्रों में उद्योगों को आकर्षित करने के लिए रणनीतिक रूप से विकसित किया जाएगा।
परियोजना के प्रमुख लाभ और कनेक्टिविटी
आईएमसी गया का रणनीतिक स्थान उत्कृष्ट संपर्क और प्रमुख परिवहन केंद्रों तक पहुंच प्रदान करता है क्योंकि एनएच-19 (स्वर्णिम चतुर्भुज) सिर्फ 10 किमी दूर है, जबकि एनएच-22 दो किमी दूर है, गया जंक्शन (40 किमी) और ईडीएफसी (45 किमी) के तहत आगामी न्यू पहाड़पुर रेलवे स्टेशन से निकटता रेल तक पहुंच को आसान बनाती है।गया अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी 30 किमी दूर है, पटना अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 135 किमी दूर है और रांची हवाई अड्डा 150 किमी दूर है। आईएमसी गया बंदरगाहों और टर्मिनलों के भी नजदीक है, जैसे कोलकाता में हल्दिया बंदरगाह 550 किमी दूर है, और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के टर्मिनल गायघाट, पटना 145 किमी और रामनगर, वाराणसी 210 किमी दूर हैं।आईएमसी गया की पहुंच को और मजबूत करने के लिए तीन ग्रीनफील्ड सड़क परियोजनाओं का प्रस्ताव किया गया है। स्वर्णिम चतुर्भुज और मल्टी-ट्रैक रेलवे लाइनों सहित यह मजबूत कनेक्टिविटी आईएमसी गया में उद्योगों के लिए रसद दक्षता को बढ़ाने के लिए तैयार है, जिससे यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय व्यवसायों के लिए एक आकर्षक केंद्र बन जाएगा।
नियोजित बुनियादी ढांचा और सुविधाएं
इस क्लस्टर में व्यापक बुनियादी ढांचे जैसे 29.89 किमी का आंतरिक सड़क नेटवर्क, 220/33 केवी और 33/11 केवी विद्युत सबस्टेशन, 162 एमवीए सुनिश्चित विद्युत आपूर्ति और 19 एमएलडी जलापूर्ति प्रणाली के साथ-साथ कौशल विकास केंद्र, फायर स्टेशन, प्रशासनिक कार्यालय, पार्किंग और औद्योगिक परिचालन और कार्यबल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वाणिज्यिक स्थान शामिल होंगे।क्लस्टर में पर्यावरण अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र, सीवेज उपचार संयंत्र, जल उपचार संयंत्र, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, वर्षा जल निकासी और हरित भूनिर्माण जैसी 'प्लग एंड प्ले' बुनियादी सुविधाएं भी होंगी।
बिहार सरकार के उद्योग विभाग के मंत्री श्री नीतीश मिश्रा, बिहार सरकार के उद्योग विभाग की सचिव श्रीमती बंदना प्रेयशी, आईएएस, बिहार सरकार के उद्योग विभाग के निदेशक श्री आलोक रंजन घोष, बिहार सरकार के उद्योग विभाग के प्रबंध निदेशक श्री कुंदन कुमार और एनआईसीडीसी के सीईओ और एमडी श्री रजत कुमार सैनी सहित प्रमुख अधिकारियों द्वारा एसएसए और एसएचए समझौतों पर हस्ताक्षर बिहार के औद्योगिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण क्षण है। उम्मीद है कि गया आईएमसी आर्थिक विकास को गति देगा, रोजगार के व्यापक अवसर पैदा करेगा और बिहार को पूर्वी भारत में एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगा, जिससे 'मेक इन इंडिया' की दृष्टि को और मजबूती मिलेगी।
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