श्रम सचिव ने मंत्रालय के भविष्य की योजनाओं की समीक्षा की

नईदिल्ली (पीआईबी)श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव श्रीमती सुमिता डावरा ने नई दिल्ली में मंत्रालय और इसके संबद्ध/अधीनस्थ/स्वायत्त कार्यालयों के मुद्दों, कार्यक्रमों, योजनाओं और भविष्य की योजना की समीक्षा करने के लिए हाइब्रिड मोड में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले संस्थानों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया।बैठक में बजटीय आवंटन, मंत्रालय की योजनाओं एवं पोर्टलों का थर्ड पार्टी मूल्यांकन, रोजगार सृजन, सामाजिक सुरक्षा और भविष्य के काम से संबंधित मुद्दों की समीक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया। श्रम एवं रोजगार सचिव ने रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना शुरू करने की तैयारियों की भी समीक्षा की।बैठक के दौरान, श्रीमती डावरा ने कहा कि एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए एक आईएसएसए तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन 20-21 जनवरी, 2025 को नई दिल्ली में ईएसआईसी के सहयोग से किया जाएगा, जिसका विषय अनौपचारिक क्षेत्र में श्रमिकों के लिए औपचारिकीकरण एवं सामाजिक सुरक्षा कवरेज: चुनौतियां और नवाचार है। इस संगोष्ठी में एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लगभग 50 संगठनों के साथ-साथ घरेलू प्रतिभागियों, उद्योग निकायों/ संघों/ नियोक्ता संघों, श्रमिक संघों, राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों, एग्रीगेटरों आदि शामिल होने की उम्मीद है।संगोष्ठी श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अनुभवों एवं प्रथाओं को साझा करने, उभरती प्रौद्योगिकी की भूमिका, एक अनुकूल नीति और कानूनी वातावरण को संरेखित करने जैसे व्यापक विषयों पर केंद्रित होगी। इस आयोजन का उपयोग सामाजिक सुरक्षा के लिए भारत की सर्वोत्तम प्रथाओं, रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन (ईएलआई) की प्रमुख योजना, सामाजिक सुरक्षा का डिजिटल समाधान जैसे ई-श्रम, राष्ट्रीय करियर पोर्टल (एनसीएस) को प्रदर्शित करने के लिए किया जाएगा।मंत्रालय की योजना दिसंबर 2024 में उद्योग जगत के साथ "फ्यूचर ऑफ वर्क एंड ऑटोमेशन" पर एक राष्ट्रीय सलाहकार कार्यशाला आयोजित करने की है, जिस पर भी चर्चा हुई। यह एक  अत्यधिक प्रभावशाली कार्यक्रम है, जो भारतीय श्रम बाजार पर प्रौद्योगिकी के परिवर्तनकारी प्रभाव पर चर्चा करने के लिए प्रमुख उद्योग जगत के दिग्गजों, अकादमिक विद्वानों और श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाएगा। कार्यशाला फ्यूचर ऑफ वर्क प्रवृत्तियों में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करेगी और उन नीतियों को आकार देने में सहायक होगी जो सत्रों और विशेषज्ञों के पैनलों की एक श्रृंखला के माध्यम से भारतीय कार्यबल के निष्पक्ष एवं सतत विकास का समर्थन करती हैं। कार्यशाला में कौशल, श्रम प्रधान, विनिर्माण, सामाजिक क्षेत्र से संबंधित मंत्रालय/विभाग, राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों, उद्योग/कर्मचारी संघों और श्रमिक संघों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। साथ ही इसमें बहुपक्षीय निकायों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाएगा।बैठक में वीवी गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान (वीवीजीएनएलआई) के सहयोग से नियोक्ताओं और श्रमिकों को संवेदनशील बनाने के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा पहलुओं पर एक वेबिनार का आयोजन करने पर भी चर्चा की गई।

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