भारत के प्रवासी कार्यबल को सशक्त बनाना

हम भारत की प्रगति में बड़ी भूमिका निभाने वाले अनगिनत श्रमिकों के दृढ़ संकल्प और उनकी कड़ी मेहनत का अभिनंदन करते हैं। श्रमेव जयते!”

-प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/1CPTM.jpegभारत के प्रवासी श्रमिक विभिन्न क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं। बेहतर अवसरों की तलाश में कई लोग अपना घर छोड़ देते हैं। उन्हें रास्ते में अक्सर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सरकार इन श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करके और आवश्यक सहायता प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। भारत में पलायन एक सामान्य घटना है, क्योंकि बेहतर आजीविका और अवसरों के लिए श्रमिक अक्सर अन्य राज्यों की ओर रुख करते हैं।

भारत में पलायन एक गतिशील प्रक्रिया है और 2011 की जनगणना में 4 करोड़ 10 लाख से अधिक अंतरराज्यीय प्रवासियों का उल्लेख किया गया था। 2020-21 माइग्रेशन रिपोर्ट के अनुसार कुल पलायन दर 28.9% है, जिसमें 26.5% ग्रामीण क्षेत्रों से है। इनमें से लगभग 10.8% मुख्यतः रोजगार के लिए पलायन करते हैं। उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए सरकार विभिन्न उपक्रमों के माध्यम से उनकी यात्रा को सुगम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। ईश्रम पोर्टल एक ऐसी पहल है जिसका उद्देश्य उनके जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है।

ई-श्रम पोर्टल-वन स्टॉप सॉल्यूशन

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/297IN.jpegश्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने आधार से सत्यापित असंगठित श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस (एनडीयूडब्ल्यू) बनाने के लिए 26 अगस्त 2021 को ई-श्रम पोर्टल की शुरुआत की गई थी। विभिन्न सामाजिक सुरक्षा और कल्याण योजनाओं को एक ही पोर्टल में एकीकृत करते हुए 21 अक्टूबर 2024 को ई-श्रम 'वन-स्टॉप सॉल्यूशन' पेश किया गया था। यह पंजीकृत श्रमिकों को ईश्रम के माध्यम से सीधे कई योजनाओं से लाभ प्राप्त करने और ट्रैक करने में सक्षम बनाता है।

 

प्रवासी मजदूरों के लिए कल्याणकारी योजनाएं

रोजगार योजनाएं कौशल विकास, वित्तीय सहायता और सामाजिक सुरक्षा के अवसरों तक पहुंच प्रदान करके श्रमिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए बनाई गई हैं।  इन उपायों का उद्देश्य श्रमिकों को सशक्त बनाना और सहायता प्रदान करना है जो उनकी आजीविका को बढ़ाती है और उनके भविष्य के लिए अधिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है। ऐसी कुछ योजनाओं में शामिल हैं :

पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि)

1 जून, 2020 को शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य स्ट्रीट वेंडरों को बिना किसी गारंटी के कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करना है। यह पहल विक्रेताओं को अपने व्यवसाय को फिर से शुरू करने में मदद करने के लिए शुरू की गई थी, जो कोविड-19 महामारी से गंभीर रूप से प्रभावित थे, उन्हें सही हालत में लाने और आत्मनिर्भरता के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करते थे।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/3IWAU.jpegप्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना (पीएमएसवाईएम)

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/4C1XZ.jpegश्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा 15 फरवरी 2019 को शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य प्रवासी श्रमिकों सहित असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन प्रदान करना है। अंतरिम बजट में घोषित यह योजना 15,000 रुपये प्रति माह से कम कमाने वाले श्रमिकों को लक्षित करती है और उनके भविष्य के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए 60 वर्ष की आयु के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन प्रदान करती है।

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 23 सितंबर, 2018 को शुरू की गई आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) का उद्देश्य भारत के सबसे कमजोर लोगों को स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करके सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) देना है। यह देश के आर्थिक रूप से कमजोर 12 करोड़ परिवारों ( लगभग 55 करोड़ लाभार्थियों) को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल और अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है। योजना की पोर्टेबिलिटी सुविधा लाभार्थियों को उनके गृह राज्य की परवाह किए बिना पूरे भारत में किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में इलाज का लाभ उठाने की अनुमति देती है। इस पोर्टेबिलिटी सुविधा के तहत 11.9 लाख अस्पताल में भर्ती लोगों के 3,100 करोड़ रुपये की लागत को अधिकृत किया गया है। इससे देश भर में लाभार्थियों के लिए पहुंच बढ़ गई है।

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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई)

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इसके अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) द्वारा मजबूत किया गया है, जिसे 1 जनवरी 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया है।  यह योजना प्रवासी श्रमिकों सहित गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को मुफ्त खाद्यान्न और सीधे नकद हस्तांतरण प्रदान करती है। इसके अलावा 2018 में शुरू की गई वन नेशन वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी) योजना पूरे भारत में राशन कार्डों की पोर्टेबिलिटी के माध्यम से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती है। साथ में ये पहल प्रवासी श्रमिकों के लिए एक मजबूत सुरक्षा जाल का निर्माण करती हैं, जिससे खाद्य सुरक्षा तक पहुंच सुनिश्चित होती है, चाहे वे देश में कहीं भी हों। प्रवासी मजदूर इन सरल चरणों का पालन करके वन नेशन वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी) योजना का लाभ आसानी से प्राप्त कर सकते हैं:

  1. अपने मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करें: प्रवासी श्रमिक पूरे भारत में किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) पर सब्सिडी वाला राशन प्राप्त करने के लिए अपने मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग कर सकते हैं, चाहे उनका स्थान कुछ भी हो।
  2. इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट-ऑफ-सेल सिस्टम (ईपीओएस) उपकरणों पर विवरण जांचें: एफपीएस पर राशन कार्ड विवरण और पात्रताएं ईपीओएस (इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट-ऑफ-सेल सिस्टम) उपकरणों के माध्यम से उपलब्ध हैं, जिससे एक सुचारू और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित होती है।
  3. मेरा राशन ऐप डाउनलोड करें: प्रवासी श्रमिक 13 भाषाओं में उपलब्ध 'मेरा राशन' ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें उनके राशन कार्ड, नजदीकी एफपीएस सेंटर और अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। अपने राशन कार्ड को मेरा राशन कार्ड ऐप से जोड़कर प्रवासी श्रमिक आसानी से किसी भी एफपीएस से खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उन्हें खाद्य सुरक्षा लाभ मिलता रहे, चाहे वे कहीं भी रहें।

खाद्य सुरक्षा तक निरंतर पहुंच सुनिश्चित करके सरकार पूरे भारत में प्रवासी श्रमिकों के लिए अधिक सुरक्षित और सहायक वातावरण की नींव रख रही है।

निष्कर्ष

प्रवासी श्रमिकों को सशक्त बनाने का मतलब केवल तत्काल राहत प्रदान करना नहीं है बल्कि दीर्घकालिक सुरक्षा और विकास के अवसर भी सुनिश्चित करना है। विभिन्न योजनाओं और कानूनी सुरक्षा के माध्यम से सरकार प्रवासी श्रमिकों के लिए एक सुरक्षित, अधिक सहायक वातावरण बनाने के लिए काम कर रही है, जिससे उन्हें कौशल प्रशिक्षण, सामाजिक सुरक्षा और उचित मजदूरी प्राप्त करने में मदद मिल रही है। इन प्रयासों का उद्देश्य उनकी चुनौतियों का समाधान करना और यह सुनिश्चित करना है कि वे जहां भी जाएं, वे अपने और अपने परिवार के लिए बेहतर जीवन का निर्माण कर सकें। हालांकि अभी भी काम किया जाना बाकी है, प्रवासी श्रमिकों के लिए अधिक सुरक्षित और सशक्त भविष्य की यात्रा ठीक ढंग से चल रही है।

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